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what is treatment for vagina strictness ? योनि संकुचन के उपाय क्या हैं ? kaise apni yoni ko sankuchit kre in hindi on blogger on Google

हर किसी से योनि की चर्चा करना अशोभनीय और निन्दा का विषय माना जाता है। मगर शरीर का यही एक अंग है जिसे विधाता ने प्रजनन शक्ति प्रदान की है। इसलिए इसकी उपेक्षा नही  करनी चाहिए। यदि महिलाओं की योनि संकुचन की शिकायत हो तो उन्हें निम्न उपाय अपनाने चाहिए- नुश्खे-1-फिटकरी तीन भाग और माँजूफल का एक भाग पीसकर किसी मखमल के कपड़े में एक छोटी पोटली बनाकर रात को सोते समय योनि में रख लें। कुछ ही दिनों में योनि सिकुड़ जाती है। 2-आवलें की पेड़ की छाल 24 घण्टें पानी में भिगोकर छान लें। इस छाने हुए पानी के कुछ दिन नियमित योनि धोने से योनि स्वाभाविक अवस्था में आ जायेगी। यह क्रिया नित्य स्नान के समय अवश्य करें। 3-दालचीनी,जायफल और फिटकरी को एक साथ पीसकर उसकी गोली बनाकर रात को सोते समय योनि में रखने से योनि का संकुचन होता है। यदि आपको कोई अन्य जानकरी चाहिए तो दादी माँ के नुश्खे टैग पर क्लिक करें। http://te chgyanu.blogspot.in

what is treatment of constipation ? कब्ज का इलाज क्या है ? kbj ya constipation ka ilaj kaise krte hai in hindi on blogger on google

उत्पत्ती का मूल कारण कब्ज है। आंतो से मल बिलकुल न निकले,कम निकले,कठिनाई से निकले या बंधा हुआ निकले तो समझ लेना चाहिए कि व्यक्ति कब्ज रोग से पीड़ित है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि आंत की अनुलोम गति अर्थात मल के नीचे खिसकने की गति कम हो जाती है। कारण-मल के मलाशय में आ जाने के बाद भी मल त्यागने के लिए न जाया जाये। तो धीरे-धीरे मलाशय में मल त्याग करने की संवेदना धीमी पड जाती है। इसके अतिरिक्त व्यायाम न करना,आलस्य,शोक,चिंता,भय,क्रोध,वर्द्धावस्था आदि कारणों से भी कब्ज हो सकता है। चाय,सिगरेट,कॉफी,मदिरा आदि भी कब्ज के कारण हैं। भोजन में पत्तेदार साग-सब्जियों और रेशेदार खाद्य पदार्थों का अभाव भी कब्ज रोग को उत्प्नन करता है। नुश्खे-1-सवेरे उठ कर दो सेब खाली पेट दांतो से काटकर खाएं। कब्ज नहीं होगा। 2-दो चुटकी अजवाइन का चूर्ण मठ्ठे में मिलाकर घूँट-घूँट कर पियें। दो से तीन दिनों में ही कब्ज दूर हो जायेगा। 3-प्रातःकाल बिना कुछ खाये 5 दाने मुनक्का खाने से कब्ज दूर होता है। 4-रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद,एक गिलास ताजे पानी में मिलाकर पियें इससे कब्ज नहीं होगा। 5-काली हरड़ को घी में भ

How to control your heart beat ? ह्रदय की धड़कन को कैसे नियंत्रित करें ? heart ki dhadkan ko kaise control karte hai in hindi on blogger on google

ह्रदय की धड़कन को नियंत्रित करने के लिए ये नुस्खों को प्रयोग करें- नुश्खे-1- 200मिली ताजे गाजर के रस में 100 मि0ली0 पालक का रस मिलाकर रोज सुबह पियें तो ह्रदय की तकलीफें,दिल के दौरे और दिल का बेकाबू हो धड़कना सब काबू में आ जाता है। 2-एक तोला अनार के ताजे पत्तों को 10 तोला पानी में पीसकर और छानकर सुबह-शाम पीने से हृदय मजबूत बनता है और ह्रदय की धड़कन सामान्य होती है। 3-यदि दिल घबराता है,धड़कन तेज हो गयी है,पसीना आ रहा है तो आलूबुखारा खाइये या मीठा अनार चूसिये,राहत मिलेगी। 4-दिल के रोगी यदि खूब मथकर मक्खन निकाला हुआ एक गिलास छाछ रोज पियें तो हृदय की रक्तवाहिनियों में बढ़ी चर्बी कम हो जाती है। http://Techgyanu.blogspot.in दादी माँ के नुश्खे टैग

What is treatment of Fiverr in children ? बच्चों में बुखार आने पर क्या इलाज करना चाहिए ? Children yani bchcho me bukhar aane par kaise ilaj kre in hindi on blogger on google

बच्चे को हल्का बुखार होने पर निम्न नुस्खों का प्रयोग करें- नुश्खे-1-बुखार में पसीना अधिक हो तो हाँथ-पैरों में ठण्ड अधिक लगे तो सोंठ के चूर्ण को हल्के हांथों से लगायें,लाभ होगा। 2-बुखार में सिरदर्द हो तो गर्म जल या दूध में सोंठ का चूर्ण मिलाकर सिर पर लेप करें या जायफल पानी में पीसकर लगायें। 3-करंज के पत्ते 11 ग्राम,काली मिर्च तीन ग्राम पीसकर और तुलसी के पत्तों में घोंटकर मूंग के दाने के बराबर छोटी-छोटी गोली बनायें। 1-1 गोली दिन में तीन बार गुनगुने पानी के साथ दें,कैसा भी ज्वर हो उतर जाता है। 4-काली मिर्च का चूर्ण 125 मि0ग्रा0 तुलसी के रस व शहद में मिलाकर दिन में तीन बार दें,बच्चे को बुखार से राहत मिलेगी। यदि आपको कोई अन्य जानकारी चाहिये तो दादी माँ के नुश्खे टैग पर क्लिक करें। http://tec hgyanu.blogspot.in

Treatment of gas in children ? बच्चों में गैस का इलाज क्या है ? Children ya bchcho me gas hone pr kya ilaj kre in hindi on blogger on google

वायु के अवरोध के कारण से कभी-कभी बच्चे का पेट फूल जाता है। पेट में गुड़गुड़ाहट होने लगती है,दर्द होता है,कभी-कभी बच्चा तेज रोता है। नुश्खे-1-जीरा या अजवाइन को पीसकर पेट पर लेप करने से वायु का अवरोध दूर हो जाता है और बच्चा राहत महसूस करता है। 2-सरसों के दाने जितनी सेंकी हुयी हींग का चूर्ण घी में मिलाकर पिलाने से गैस से बच्चे को आराम मिलता है। 3-एक चम्मच लहसुन के रस में आधा चम्मच घी मिलाकर पिलायें,तुरंत राहत मिलेगी। 4-हींग को भूनकर उसे पानी में घिसकर नाभि के चारों ओर लेप करें,गैस का शमन होगा और बच्चा चैन की सांस लेगा। यदि आपको कोई अन्य जानकारी चाहिये तो कृपया दादी माँ के नुश्खे टैग पर क्लिक करें तथा http://Techgyanu.blogspot.in की अपने बुकमार्क में सेव करें।

How to increase milk in teat ? स्तनों में दूध कैसे बढातें हैं ? Teat me ya stano me doodh kaise badhate hai in hindi on blogger on google

प्रसव के बाद अनेक स्त्रियों के स्तनों में पर्याप्त दूध नहीं आता है। जिससे शिशु का समुचित विकास नहीं हो पाता है। इसके लिए निम्न नुस्खों का उपयोग करें- नुश्खे-1-रात को गेहूं भिगोकर रख दें। सुबह उन्हें हांथो से अच्छी तरह मशलकर गुड़ के साथ खायें और ऊपर से पानी पी जायें। 2-दूध में चने भिगोकर खायें। 3- 50 ग्राम शतावरी और 50 ग्राम मिश्री दोनों को खूब बारीक़ पीसकर मैदा छानने की छलनी से छानकर शीशी में भर लें। एक ग्राम की मात्रा में इसे फांक कर एक ग्लास दूध पीने से औरतों के स्तनों में दूध की वर्द्धि होती है। जिन औरतों में दूध की कमी हो उनके लिए यह नुश्खा वरदान स्वरूप है। यह योग 15 दिन तक करना ही काफी है। 4-अरहर की दाल में यथेष्ट घी डालकर पिलाने से स्त्री के स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ जाती है। 5-गुड़ का सुबह-शाम सेवन करें। 6-नासपाती,अंगूर,चीकू,पपीता के सेवन से भी स्तनों में दूध की वर्द्धि होती है। 7-शिशु जन्म के बाद यदि स्त्री के स्तनों में दूध पर्याप्त मात्रा में न निकले तो उसे उरद की दाल का भरपूर सेवन करायें। 8-मटर की सब्जी का सेवन कीजिये,कच्चा मटर चबाने से भी स्तनों में दूध की वर्द्धि हो

What is trick for ovulation ? गर्भधारण करने के नुश्खे garbhadhan krne ke nuskhe in hindi on blogger on google

पुराणों में लिखा है कि बाँझ स्त्री यदि पीपल के पेड़ का श्रद्धा पूर्वक नियमित पूजन करे तो वह पुत्रवती हो जाती है। नुश्खे-1-सामान्य स्वस्थ की महिलाओं को शतावरी चूर्ण,दूध,घी में मिलाकर खिलाने से गर्भाशय की सारी विकृतियां दूर हो जातीं हैं तथा वे गर्भधारण करने योग्य हो जातीं हैं। 2-गोरोचन 3 ग्राम,गजपीपरि 10 ग्राम और असगंधा 10 ग्राम तीनों को बारीक़ पीसकर चूर्ण बना लें। मासिक धर्म के चौथे दिन से निरन्तर पाँच दिनों तक इसे दूध के साथ फांकें,गर्भधारण अवश्य होगा। 3-दस ग्राम पीपल की ताज़ी कोमल जटा,जौकूट करके 500 मिली दूध में पकायें। 200मिली शेष रह जानें पर उसे कतार कर छान लें। उसमे शक्कर और शहद मिलाकर मासिक धर्म होने के 5वें या 6ठें दिन से खाना प्रारम्भ करें। इस प्रकार दस दिन तक इस औषधि का सेवन करें। इस सेवन से बाँझ स्त्री भी गर्भवती हो सकती है। इस प्रयोग को करने से पहले यह पता लगा लेना चाहिए कि स्त्री को कोई मासिक विकृति या योनि दोष तो नहीं है। यदि ऐसा है तो औषधि के सेवन से पहले उसकी चिकित्सा जांच कराना आवश्यक है।

What is treatment of hardness in stomach ? पेट में भारीपन का इलाज क्या है ? Pet me bharipan ka ilaj kaise krte hai in hindi on blogger on google

कभी-कभी पेट में भारीपन का अहसास होता है। जो कि कई कारणों से हो सकता है। जैसे कि गैस,पाचन का ठीक से न होना इत्यादि। नुश्खे-1-बैगन को अंगारों पर सेंक कर सज्जीखार मिलाकर पेट पर बाँधने से पेट के भारीपन में लाभ मिलता है। 2-चने का क्षार 2 से 6 रत्ती अथवा प्रवाही क्षार 5 से 10 बूँद दो से तीन बार दो-दो घण्टे पर लेने से पेट के भारीपन में आराम मिलता है। 3-द्राक्ष और सौंफ दो-दो तोला लेकर आधा लीटर पानी में भिगोकर रख दीजिये। सुबह उसे मशलकर और छानकर तथा उसमें एक तोला शक्कर मिलाकर कुछ दिनों तक पीने से पेट का भारीपन दूर हो जाता है। यदि आपको कोई अन्य जानकारी चाहिए तो दादी माँ के नुश्खे टैग पर क्लिक करें या फिर कमेंट में बतायें। कृपया इस वेबसाइट की url को अपनेे बुकमार्क में सेव करें-http://techgyanu.blogspot.in

What is treatment of anorexia ? अरूचि नाशक रोग का इलाज क्या है ? Anorexia ya arohi ka ilaj kaise krte hai in hindi on Blogger on google

इस रोग में रोगी को खाने में कोई रुचि नहीं रहती है और वह खाना खाने से कतराने लगता है। इससे वह रोगी और कमजोर हो जाता है। नुश्खे-1-नींबू का रस एक भाग और शक्कर की चाशनी छः भाग लेकर लौंग और काली मिर्च का थोडा सा चूर्ण मिलाकर शर्बत बनाकर पीने से अरूचि का शमन होता है और आहार का पाचन होता है। 2-बीस तोला अदरख छीलकर उसकी चटनी बनाइये,फिर उसे 20 तोला घी में भूनिये। जब वह लाल हो जाये तो उसमे 40 तोला गुड़ डालकर हलुये जैसा गाढ़ा अवलेह बनाइये। एक-एक तोला इस अवलेह को सुबह-शाम प्रतिदिन खाने से अरूचि विकार दूर होता है और भूख खुलकर लगने लगती है। 3-सोंठ एक तोला,काली मिर्च एक,पिपरी एक तोला और सेंधा नमक एक तोला-इन सभी को कूट-पीसकर कपड़े से छानकर चूर्ण बनाइये। इसमें 40 तोला काली द्राक्ष (बीज निकली हुयी) मिलाइये। इसे चटनी की तरह पीसकर कांच के बर्तन में भरकर रख लें। इस अवलेह को प्रतिदिन आधे से दो तोले तक सुबह-शाम सेवन करें। यह अरूचि नाशक तो है ही इसके साथ ही पेट के अन्य विकारों का भी शमन भी करता है।

Treatment of pain in stomach ? पेट में दर्द का इलाज क्या है ? Pet me dard hone pr kaise ilaj kre in hindi on blogger on google

पेट में दर्द होना एक आम बात है परंतू इसे कभी भी नजरअंदाज न करें क्योंकि यह भविष्य में किसी गम्भीर बीमारी का रूप ले सकती है। नुश्खे-1-दो चम्मच नींबू का रस,एक चम्मच अदरख का रस और थोड़ी सी शक्कर मिलाकर पीने से हर प्रकार का पेटदर्द दूर होता है। 2-एक ग्राम सेंधा नमक और दो ग्राम अमजोद का चूर्ण खाने से पेट की पीड़ा तत्काल शांत हो जाती है। 3-हींग,सुंघनी या काला नमक डालकर गर्म किया हुआ तेल पेट पर मलने या सेंक करने से पेट का दर्द दूर होता है। 4-मूली के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से भोजन के बाद पेट में होने वाला दर्द या गैस मिटती है। 5-तीन ग्राम इमली की कोमल पत्तियों को सिल पर पीसकर उसमें एक ग्राम सेंधा नमक मिलाकर पीने से पेटदर्द से छुटकारा मिलता है।

What is treatment of acidity ? एसिडिटी या अम्लता का इलाज क्या है ? Acidity ka ilaj kya hai in hindi on blogger on google

इसे अम्लपित्त या एसिडिटी भी कहतें हैं। इस रोग में आमाशय में अम्ल रस अधिक बनता है। इसलिए जो भोजन किया जाता है वह ठीक से नहीं पचता है। लम्बे समय तक ऐसी ही स्थिति बने रहने पर अम्लपित्त रोग हो जाता है। कारण-यह रोग वातावरण में नमी के कारण होता है। इसलिए यह रोग बरसात के मौसम में अधिक होता है। अम्ल प्रधान,खट्टे-चटपटे और विदही पदार्थों के अधिक सेवन से भी अम्ल रस अधिक बनने लगता है। लक्षण-पेट,छाती व गले में जलन होती है और खट्टी डकारें आतीं हैं। डकार के साथ-साथ गले में खट्टा व तीखा पानी भी आ जाता है। कभी-कभी उल्टी भी हो जाती है। अम्लपित्त में अपच,कब्ज व दस्त की भी शिकायत होती है। नुश्खे-1-चोकर सहित आटे की रोटी खाने से भी फायदा होता है। 2-सन्तरे के रस में थोडा भुना जीरा और पिसा हुआ सेंधा नमक मिलाकर पीने से तुरंत लाभ होता है। 3-प्रातःकाल दो केले खाकर एक प्याला गर्म दूध पिने से इस रोग का कुछ ही दिनों में शमन हो जाता है। 4-भोजन के तुरंत बाद दूध के साथ दो बड़े चम्मच ईसबगोल लेने से अम्लता दूर होती है। 5-अदरख और धनिया बराबर मात्रा में खाने से पित्त शांत होता है। 6-अदरख के रस में पुदीने का रस बर

What is treatment of indigestion ? अपच का इलाज क्या है ? Arch ya indigestion ka ilaj kya hai in hindi on blogger on google

खाये हुए आहार का न पचना ही अपच है। इसके ज्यादातर लक्षण अजीर्ण रोग से मिलतें-जुलतें हैं। मलशुद्धि न होना,कब्ज की शिकायत आदि को अपच कहतें हैं। कारण-आवश्यकता से अधिक जल पीना,आलस्य,क्रोध,लोभ,चिंता आदि कारणों से जठराग्नि मन्द हो जाती है,जिससे अपच का विकार उत्प्नन हो जाता है। लक्षण-पेट भरा सा लगता है,भूख मर जाती है,खट्टी डकारें आतीं हैं। इसके अतिरिक्त जी मचलना,मुख से थूक व पानी आना,खाने-पीने के प्रति अरूचि आदि अपच के लक्षण हैं। नुश्खे-1-केवल गर्म पानी 3-3 घण्टे में पीने से भी अपच दूर होती है। 2-अनारदाने का चूर्ण आधा चम्मच दिन में 3 बार खाने से भी अपच दूर होती है। 3-अपच में अजीर्ण वाले नुश्खे ही अधिकतर लाभदायक होतें हैं। 4-दो लौंग,दो काली मिर्च,आधा चम्मच धनिया,आधा चम्मच जीरा,चुटकीभर नमक और हल्दी चार कप पानी में डालकर उबालें। 2 कप पानी बचने पर उस काढ़े को दिन में चार बार आधा कप की मात्रा में पियें। 5-कब्ज के कारण अपच की शिकायत हो,तो 2 चम्मच ईसबगोल लेकर पानी में मिलाकर पी लें। दूसरे दिन पेट साफ़ हो जाने पर केवल फलों के जूस या सब्जियों के सूप ही पियें। 6-अनेक लोगों को दूध नहीं पचता है,दूध

What is treatment of jaundice ? पीलिया का इलाज क्या है ? Piliya ka ilaj kaise krte hai in hindi on blogger on google

पीलिया के रोग में रक्त में रंजक पित्त की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे शरीर में खून की कमी हो जाती है। इस रोग में यकृत में सूजन आ जाती है। यह स्वतंत्र रूप में भी हो सकता है। गर्मी की अपेक्षा यह रोग सर्दी में अधिक होता है। कारण-क्षारीय पदार्थ,अम्ल,लवण,उष्ण गुण वाले पदार्थो का अधिक सेवन,विरूद्ध आहार,मटर,उड़द,तैलीय पदार्थ आदि। इनका प्रभाव हमारे यकृत पर पड़ता है। रंजक इसके अतिरिक्त एक वायरस के कारण भी होता है। जो कि संक्रामक होता है। चरस,गांजा,अफीम आदि का सेवन करने वालों को प्रायः पीलिया की शिकायत हो जाती है। असंतुलित आहार लेने वालों को भी पीलिया हो जाती है तथा गन्दे वातावरण में रहनें वाले लोगों को भी पीलिया की शिकायत होती है। लक्षण-इस रोग में आँखें,नाखून और त्वचा पीली हो जाती है। शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द,अत्यधिक कमजोरी,थकान व उल्टी जैसे लक्षण प्रकट हो जाते हैं। अरूचि और उल्टी दोनों लक्षण आकस्मिक रूप से प्रकट होना पीलिया रोग का विशेष लक्षण है। नुश्खे-1-रोज बेल के 15 पत्तें पानी के साथ पीसकर इस पेय का एक सप्ताह तक नियमित सेवन करने से उग्र पीलिया भी ठीक हो जाती है। 2-एक ग्राम पीपल की

What is treatment for hair growing ? बालों के बढ़ने के ट्रिक्स balo ke bdhane ke upay in hindi on blogger on google

व्यक्तित्व के निखार के लिए सिर्फ सुंदर चेहरा,त्वचा और देह तथा कपड़े ही जरूरी नहीं है बल्कि सुंदर बाल भी इसमें अहम भूमिका निभातें हैं। आइये जाने बालों को सुंदर बनाने के उपाय- नुश्खे-1-नींबू के रस में आंवले का चूर्ण मिलाकर बालों की जड़ों में लगाने से बाल बहुत जल्दी बढ़तें हैं। 2-एक भाग शहद में दो भाग नींबू का रस मिलाकर बालों की जड़ों में रोज मलें और मलने के आधे घण्टे बाद घो डालें। इस प्रयोग की नियमित करते रहने से बालों से सम्बंधित सभी शिकायतें दूर हो जायेगीं और बाल लम्बे और घने बन जायेगें। 3-आम की गुठली को आंवले के साथ पीसकर रात को सोते समय सिर पर लेप करें और सुबह उन्हें धो डालें, इससे बाल लम्बे,काले और मुलायम होतें हैं। यदि आपको कोई अन्य जानकारी चाहिए तो दादी माँ के नुश्खे टैग पर क्लिक करें या फिर कमेंट में बतायें। कृपया इस वेबसाइट की url को अपनेे बुकमार्क में सेव करें-http:// techgyanu .blogspot .in

What is Treatment of hair falling ? बालों के झड़ने का इलाज ? Balo ke jhadne ka ilaj in hindi on blogger on google

कभी-कभी किसी बीमारी के चलते बाल झड़ने लगतें हैं और गंजेपन की शुरूआत हो जाती है। बालों में रूसी या बालों की किसी बीमारी के कारण भी यह शिकायत शुरू हो जाती है। इसे दूर करने के नुश्खे निम्न हैं- नुश्खे-1- रात को आंवले के चूर्ण को पानी में भिगो दें,सुबह उन्हें मशलकर पानी को निथार लें। इस पानी में एक या दो कागजी नींबू निचोड़ दें। उस पानी से बाल भिगो दें और पानी रच जाने के बाद बालों को मशल-मशलकर धोयें। जैसे साबुन के झाग में बाल मले जातें हैं। इससे बालों का झड़ना तो बन्द होगा ही साथ ही बाल काले,घने,लम्बे और मुलायम होगें। इस प्रयोग को एक महीने तक करें। 2-उड़द की दाल को उबालकर उसे सिर पर रगड़-रगड़कर लगायें। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में बालों का झड़ना रुक जायेगा और नए बाल भी उगने लगेंगे। 3-यदि बालों के टूटने की क्रिया निरन्तर चल रही है तो घबराइये नहीं,बीएस नींबू के रस में बड़ की जटा पीसकर बाल घोयें और फिर नारियल का तेल लगायें। आपकी शिकायत कुछ ही दिनों में दूर हो जायेगी। यदि आपको कोई अन्य जानकारी चाहिए तो दादी माँ के नुश्खे टैग पर क्लिक करें या फिर कमेंट में बतायें। कृपया इस वेबसाइट की url को अपनेे

How to do your hair black ? बालों को कैसे काला करें ? Baalo ko kaise kala kre in hindi on blogger on google

बेवक्त सफेद हुए बालों को काला करने के लिए खिजाब घर में ही बनायें,क्योंकि बाजार में बिकने वाले खिजाब से एनर्जी हो जाती है। जिससे एक्जिमा और त्वचा में सूजन जैसे घातक विकार उत्प्नन हो जातें हैं। नुश्खे-1-लौह चूर्ण,हरड़,बहेड़ा,आंवला और काली मिट्टी को पीसकर चूर्ण बना लें,फिर इसी चूर्ण को गन्ने के रस में एक महीने तक भिगोकर रखें। एक महीने पश्चात इस लेप को बालों में लगाइये,कुछ ही दिनों में बाल प्राकृतिक रूप से काले हो जायेगें। नोट-लेप रात को लगाकर सुबह धो डालें। 2-एक किलोग्राम आंवले का रस,एक किलोग्राम देशी घी,250 ग्राम मुलहठी- इन सभी को हल्की आंच पर पकायें,जब पानी सूख जाये और घी बच जाये तो उसे छानकर बोतल में भर लें। इसे खिजाब की तरह बालों में लगायें। इससे कुछ ही दिनों में सारे बाल काले हो जायेगें। यह कुदरती रंग देता है और त्वचा या दिमाग पर कोई बुरा असर नहीं डालता है। 3-आंवलों को रात भर पानी में भिगो दें। सुबह आंवलों को मशलकर छान लें और उस पानी से सिर को धोयें। ऐसा करने से बाल काले और मुलायम होतें हैं। 4-आंवलों को नीम और मेहंदी के पत्तों के साथ दूध में पीसकर रात को बालों पर लेप करें,सुबह ध

Treatment of dandruff ? रूसी का इलाज क्या है ? Dandruff ka ilaj kya hai ya dandruff kaise door kre in hindi blogger on google

सिर में पसीना और मैल जम जाने से रूसी हो जाती है और सिर से सफेद बुरादा सा झड़ता रहता है और बाल कमजोर होकर झड़ते रहतें हैं तथा टूटते भी हैं। नुश्खे-1-नींबू के रस में चीनी घोलकर उसका शर्बत बना लें और उस शर्बत को सिर पर लगाकर 5 से 6 घण्टे तक धूप का सेवन करें,ततपश्चात सिर को किसी उत्तम शैम्पू से धो लें। सिर की सारी रूसी गायब हो जायेगी। 2-100 मिली नारियल का तेल लेकर उसमें 3 ग्राम कपूर लेकर पीसकर मिला लें। इस तेल का इस्तेमाल सिर में प्रतिदिन रात में करें। सिर पर उँगलियों के पोरों से अच्छी तरह तेल लगाकर मालिश करें। 15 दिनों में ही रूसी हमेशा के लिए समाप्त हो जायेगी। 3-नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर इस तेल से सिर पर मालिश कीजिये,कुछ दिन ऐसा करने से सिर की रूसी और खुश्की खत्म हो जायेगी। यदि आपको कोई अन्य जानकारी चाहिए तो दादी माँ के नुश्खे टैग पर क्लिक करें या फिर कमेंट में बतायें। कृपया इस वेबसाइट की url को अपनेे बुकमार्क में सेव करें-http:// techgyanu .blogspot .in