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मई, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

How can we find freedom from hair fall difficulty कैसे पायें बालों के गिरने से छुटकारा kaise paye baalo ke girne se chhutkara in blogger blog on google on techgyanu.blogspot.com

बाल गिरने की समस्या आम है। ज्यादातर महिलायें अपनी जिंदगी में कभी न कभी इस समस्या का सामना करतीं हैं। बालोँ के झड़ने से उनका आकर्षण धीरे-धीरे कम होने लगता है। ये एक ऐसी समस्या है जो कब आम से खास हो जाती है हम समझ ही नहीं पाते हैं। कई बार  बाल झड़ने की वजह आनुवंशिक से लेकर मौसम से संबंधित हो सकती हैं लेकिन कई बार इनके पीछे कोई गंभीर रोग भी हो सकता है। बहरहाल बाल झड़ने की वजह कोई भी हो आप थोड़ी कोशिशों के बाद इससे छुटकारा पा सकतें हैं। बालों के झड़ने से परेशान हो लोग कई बार दवाएँ लेते हैं या फिर कोई ट्रीटमेंट। लेकिन घर पर ही आसानी से आप इस समस्या पर रोक लगा सकतें हैं। आपके फ्रिज में मौजूद अंडे आपकी समस्या में आपकी मदद कर सकतें हैं अंडे बालों पर लगाने से बाल झड़ना कम हो जातें हैं। बालों के लिए अंडे के फा यदे- अंडो में सल्फर होता है और कुछ पोषक तत्व जैसे प्रोटीन और मिनरल जैसे आयोडीन,फास्फोरस,आयरन और जिंक पाया जाता है। ये सब मिलकर बालों के लिए बहुत ही अच्छा काम करतें हैं। अंडे में विटामिन ई होता है। जो कि बालों को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें मौजूद विटामिन बालों को यूवी किरणों और प्रदूषण से बचा

मलेरिया तथा डेंगू बुखार के रोग में दादी माँ के उपाय maleriya tatha dengoo ka ilaj on blogger on blog on google treatment of dengoo and maleriya

पहला उपाय -इन्द्रजौ,नागरमोथा,पित्रपापड़ा,कटुकी प्रत्येक का आधा से 1ग्राम चूर्ण दिन में तीन बार खाने से मलेरिया तथा डेंगू में लाभ होता है। दूसरा उपाय-तुलसी के हरे पत्तो तथा काली मिर्च को बराबर मात्रा में लेकर,बारीक पीसकर गुंजा जितनी गोली बनाकर छाया में सुखायें। 2-2 गोली तीन-तीन घण्टे के अंतर से पानी के साथ लेने से मलेरिया तथा डेंगू में लाभ होता है। तीसरा प्रयोग-नीम अथवा तुलसी का 20 से50 मि.ली. काढ़ा या तुलसी का रस 5 ग्राम पीने से मलेरिया तथा डेंगू में लाभ होता है। चौथा प्रयोग-करेले के 1 तोला रस में 2 से 5 ग्राम जीरा डालकर पीने से अथवा रात्रि में पुराने गुड़ के साथ जीरा खिलाने से लाभ होता है। मलेरिया तथा डेंगू की अक्सीर (रामबाण) औषधि:-               मलेरिया तथा डेंगू का बुखार लोगों को अलग-अलग प्रकार से आता है। मुख्यरूप से उसमें शरीर टूटता है,सिर दुखता है,उल्टी होती है। कभी एकांतरा और कभी मौसमी रूप से भी मलेरिया तथा डेंगू का बुखार आता है और कई बार यह जानलेवा भी सिध्द होता है। इसकी एक सरल,सस्ती तथा ऋषिपरम्परा से प्राप्त औषधि है। हनुमानजी को पुष्प चढ़ते हैं उस आकड़े की ताजी हरी डाली को नीच

Chehre ke dag dhabbe hatane ke upay ya tarike चेहरे के दाग धब्बे हटाने के तरीके how we find a clean skin in hindi on blogger blog on google.com

इन घरेलू टिप्स में छिपे हैं । चेहरे के दाग धब्बे हटाने के नुस्खे-                     1-चेहरे के काले दागों को मिटाने के लिए टमाटर के रस में रूई भिगोकर दागों पर मलें । काले धब्बे साफ़ हो जायेंगे । 2-रोजाना सुबह एक गिलास टमाटर के रस में नमक,जीरा,कालीमिर्च मिलाकर पियें । चेहरे पर नारियल पानी लगायें। 3-आलू उबाल कर छिलके छील लें । और इसके छिलको को चेहरे पर रगड़ें,मुंहासे ठीक हो जाएंगे। 4-जायफल को घिसकर दस पिसी कालीमिर्च व थोड़े कच्चे दूध में मिलाकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगायें । दो घंटे बाद चेहरा धो लें। 5-त्वचा पर जहाँ कभी चकते हो उन पर नींबू का टुकड़ा रगड़े । नींबू में फिटकरी भरकर रगड़े। इससे चकते हल्के पड़ जायेंगे और त्वचा में निखार आयेगा। 6-नींबू के छिलके गर्दन पर रगड़ने से गर्दन का कालापन दूर होता है । 7-संतरे के छिलकों को सुखाकर पीस लें । इसमें नारियल का तेल व थोडा सा गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा कोमल बन जाती है। 8-संतरे के छिलके व नींबू के छिलके को बारीक पीसकर दूध में मिलाकर चेहरे पर लगाने से निखार आ जाता है । 9-मसूर की दाल और बरगद की नरम पत्तियां पीसकर लेप करें अथवा दालच

सोशल मीडिया का मास्टर बनायेंगे ये टूल्स aapko social midea ka master banayege ye tools in hindi blog on google.com blogger

सोशल मीडिया में हर चीज के टॉप पर बने रहना मुश्किल है क्योंकि हर वक्त यहाँ पर बहुत कुछ बदलता रहता है मुश्किल तब और बढ़ जाती है । जब आपके पास मल्टीपल एकाउंट्स हों । मल्टीपल एकाउंट्स को किस प्रकार मैंनेज करें- बहुत से लोगों के कई सोसिलमीडिया नेटवर्क्स पर एकाउंट्स होगें । हर नेटवर्क पर एक ही चीज को इंडीविजुअल तौर पर पोस्ट करने में काफी वक्त लगता है और आपको अलग-अलग टैब खोलने पड़ते हैं । ताकि हर साईट पर साइन इन किया जा सके । कुछ नेटवर्क आपको दूसरों के साथ क्रॉस कनेक्ट करने की इजाजत देते हैं। जिससे एक साथ सब पर पोस्ट किया जा सके । मिसाल के तौर पर,फेसबुक आपको ट्विटर पर कनेक्ट होने देता है, ट्विटर आपको फेसबुक पर कनेक्ट होने देता है । इसी तरह इंस्टाग्राम आपको फेसबुक और ट्विटर दोनों पर कनेक्ट होने देता है । आप अपनी एकाउंट्स से इस फीचर को एक्सेस क्र सकतें हैं । एव्रिपोस्ट-                 इंटर-कनेक्ट मेथड आपको फेसबुक और ट्विटर पर मुख्य तौर पर रहने देता है और बढ़िया काम करता है । हालांकि अगर आप गूगल+,पिंरेस्ट,लिंक्डइन और टंबलर।जैसे अन्य सोशियल नेटवर्क्स को यूज करते हैं । तो आपको एक टूल की जरूरत हो

नीम की दातून क्योँ करें ?

नीम की दातून से एक नहीं बल्कि अनेकों लाभ हैं । प्रथम तो दाँतो की सफाई होती है । दूसरा लाभ यह है कि पायरिया जैसे रोगों में नीम की दातून अति उत्तम है । नीम की दातून से तीसरा अति प्रभावकारी लाभ यह है कि दातून करते समय जो दातून का रस पेट में चला जाता है । उससे पेट के आँत में होने वाले पिन कृमि मर जातें हैं । उन कीडियो के कारण पेट में अनेक प्रकार के विकार उत्तपन्न होतें है । जैसे-गैस की समस्या,अपच आदि। अतः नीम की दातून भुत ही लाभकारी है ।

बेर की दातून से क्या लाभ है ?

बेर की दातून से दाँतो की सफाई तो होती है किन्तु जो व्यक्ति अपने गले में मधुरता लाने का इच्छुक हो । वह नियमित रूप से बेर की दातून का प्रयोग करे ।

ब्रम्हा मुहूर्त में उठने के लाभ क्या हैं ?

ब्रम्हा मुहूर्त में जागृत होने से मनुष्य को सौंदर्य,बल,विद्या,बुद्धि और स्वस्थता प्राप्त होती है ।

ब्रम्हा मुहूर्त क्या है ?

रात्रि के अंतिम प्रज्र को ब्रम्हा मुहूर्त कहते हैं । निद्रा त्याग करने का शास्त्र विहित यह समय सर्वोत्तम होना है ।

अक्सर पूजा-पाठ से समय ब्राह्मण पूजा सुनने वाले व्यक्ति के हाँथो में जल व कुश रखकर संकल्प कराते हैं । यह संकल्प क्या है ?

किसी कार्य के लिए शपथ ग्रहण करना,दृढ़ प्रतिज्ञ होना ही संकल्प कहलाता है । पूर्व में वामन भगवान असुरराज बलि को संकल्प उठाने के लिए कहते हैं । राजा बलि के संकल्प के उपरान्त वामन भगवान ने तीन डग भूमि की याचना की थी । आत्म विश्वास और विनम्रता पूर्वक शुभ कार्य करने को प्रेरित अनुष्ठान का नाम संकल्प है ।

गूलर की दातून से लाभ बतायें

जिसकी जुबान लड़खड़ाती हो,बोलते समय हकलाता हो,जीभ में कालापन हो ऐसे व्यक्ति के लिए गूलर की दातून फायदेमंद है ।

पूजा-पाठ के समय आचमन करातें हैं आचमन क्या है ?

कण्ठ शोधन के लिए आचमन किया जाता है । आचमन करने के कफ आदि की सफाई हो जाती है और श्वास क्रिया में तथा मंत्रो उच्चारण में सहायता मिलती है । अन्यथा कफ आदि के कारण मंत्रोउच्चारण में त्रुटि हो सकती है ।

दिग्पालो की संख्या और नाम बतायें ।

दिशाएँ दस होतीं हैं और दिग्पाल भी दस होतें हैं। दसों दिग्पालो के नाम उस प्रकार हैं - इंद्र,यम,कुबेर,वरुण,रुद्र,अग्नि,नैऋत्य,पवन,ब्रम्हा और विष्णु ।

पत्नी को पति के दायीं व बायीं ओर बैठने का चक्कर क्या है ?

जो कर्म स्त्री प्रधान होतें हैं अथवा जो कर्म इह लैकिक होते हैं । उनमें पत्नी पुरूष के बायीं ओर बैठती है, जैसे-माँग में सिन्दूर भरते समय,सेवा,शयन आदि परन्तु यज्ञादि,कन्यादान,विवाह के सभी कार्य पुरूष प्रधान होतें हैं । इसमें दायीं ओर बैठती है ।

पत्नी को किन अवसरों पर पति के दायीं ओर बैठना चाहिए ?

कन्यादान,विवाह,यज्ञकर्म एवम् जातकर्म,नामकरण तथा अन्न प्राशन के शुभ अवसर पर पत्नी को पति के दाहिनी ओर बैठना चाहिए ।

पत्नी पति के बायीं ओऱ कब-कब बैठती है ?

सिन्दूर दान,द्विरागमन,भोजन,शयन और सेवा के समय,अभिषेक तथा ब्राह्मणों के पाह्व धोते समय पत्नी को पति के बायीं ओर बैठना चाहिए।

संस्कार कितने प्रकार के होते हैं ? उनके नाम बतायें ।

वेदव्यास के अनुसार संस्कार सोलह प्रकार के होतें हैं । 1-गर्भाधान 2-पुंसवन 3-सीमन्तोन्नयन 4-जातकर्म 5-नामकरण 6-निष्क्रमण 7-अन्नप्राशन 8-चूड़ाकर्म 9-कर्णवेध 10-यज्ञोपवीत 11-वेदारम्भ 12-केशान्त 13-समावर्तन 14-विवाह 15-आवसश्याधाम 16- श्रोताधाम

संस्कार किसे कहतें हैं ?

शरीर एवम् वस्तुओं की शुध्दि हेतु समय समय पर जो कर्म किये जातें हैं । उन्हें संस्कार कहतें हैं।

माला फेरते वक्त अंगूठे के साथ मध्यमा अंगुली का प्रयोग क्यों करते हैं ?

एक्यूप्रेशर द्वारा इलाज एक ऐसी विद्या है । जो शरीर की विभिन्न नसों का इलाज करने की पध्दति है । विद्वानों ने मानव नसों का विधिवत अध्ययन करने के उपरांत इस विद्या का नाम एक्यूप्रेसर रखा । दोनों हाथ की हथेलियो के विभिन्न भागों को दबा दबा कर शरीर के अन्य भागों का इलाज इस विद्या के अन्तर्गत किया जाता है । मध्यमा अंगुली की नस का सीधा सम्बन्ध ह्रदय से होता है । इसलिए माला जपते समय मध्यमा अंगुली का प्रयोग करते हैं ।

कुंकुम क्या है ? इसका तिलक क्यों लगातें हैं ?

कुंकुम हल्दी का चूर्ण होता है । जिसमें नींबू का रस मिलाया जाता है । जिससे उसका रंग लाल हो जाता है । आयुर्वेद के अनुसार कुंकुम त्वचा शोधन के लिए सर्वोत्तम औषधि है । इसका तिलक लगाने से मस्तिष्क तन्तुओं में क्षीणता नहीं आती है ।

तिलक धारण करने का वैज्ञानिक कारण क्या है ?

जब हम मस्तिष्क से आवश्यकता से अधिक कम लेतें हैं । तब ज्ञान तन्तुओं का विचारक केंद्र भृकुटि और ललाट के मध्य भाग में पीड़ा उत्पन्न न हो जाती है ठीक उस स्थान पर जहाँ पर तिलक या त्रिपुण्ड लगतें हैं । चंदन का तिलक ज्ञान-तन्तुओं को शीतलता प्रदान करता है । जो प्रतिदिन प्रातःकाल स्नान के पश्चात चन्दन का तिलक लगाता है । उसे सिर दर्द की शिकायत नहीँ होती । इस तथ्य को डॉक्टर्स एवम् वैद्य हकीम भी स्वीकार करतें हैं ।

तिलक क्यों लगतें हैं ?

शास्त्रों के अनुसार यदि ब्राह्मण तिलक नहीं लगता तो उसे चाण्डाल समझना चाहिए । तिलक धारण करना धार्मिक कार्य माना गया है। तिलक,त्रिपुंड,टीका अथवा बिन्दिया आदि का सम्बन्ध मस्तिष्क से होता है । मनुष्य की दोनों भौहों के बीच जिस स्थान पर तिलक लगते हैं । वहाँ पर आज्ञा चक्र स्थित होता है । इस चक्र पर ध्यान केन्द्रित करने पर साधक का मन पूर्ण शक्ति सम्पन्न हो जाता है । इसे चेतना केंद्र भी कहतें हैं अर्थात समस्त ज्ञान एवम् चेतना का संचालन इसी स्थान से होता है । आज्ञा चक्र ही तृतीय नेत्र है । इसे ही दिव्य नेत्र भी कहते हैं। तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जाग्रत होता है । जिसकी तुलना रडार टेलिस्कोप आदि से की जा सकती है । इसके आलावा तिलक सम्मान-सूचक भी है । तिलक लगाने से साधुता,सज्जनता एवम् धार्मिकता का आभास होता है ।

माँग में सिन्दूर लगाने का वैज्ञानिक कारण

ब्रम्हारन्र्ध और अध्मि नामक स्थान के ठीक ऊपर स्त्रियाँ सिन्दूर लगती हैं। जिसे सामान्य भाषा में सीमन्त अथवा माँग कहते हैं। पुरूषो की अपेक्षा स्त्रियों का यह भाग अपेक्षाकृत कोमल होता है। चूँकि सिन्दूर में पारा जैसी धातु अत्यधिक मात्रा में पायी जाती है जो कि स्त्रियों के शरीर की विधुतीय ऊर्जा को नियंत्रित करती है तथा मर्मस्थल को बाहरी दुष्प्रभाव से भी बचाता है । अतः वैज्ञानिक दृष्टि से भी स्त्रियों का सिन्दूर लगाना आवश्यक है।

हिन्दू स्त्रियाँ माँग में सिन्दूर क्यों लगतीं हैं ?

माँग में सिन्दूर लगाना सुहागिन स्त्रियों का सूचक है । हिंदुओं में विवाहित स्त्रियाँ ही सिन्दूर लगतीं हैं। कुँवारी कन्याओं एवम् विधवा स्त्रीओं के लिए सिन्दूर लगाना वर्जित है । इसके अलावा सिन्दूर लगाने से स्त्रिओं के सौंन्दर्य में भी निखार आता है अर्थात् उनकी सुन्दरता बढ़ जाती है । विवाह-संस्कार के समय पर दुल्हा दुल्हन के मस्तक में मंत्रोच्चार के मध्य पॉच अथवा सात बार चुटकी से सिन्दूर डालता है । तत्पश्चात विवाह कार्य सम्पन्न हो जाता है । उस दिन से वह स्त्री अपने पति की दीर्घायु अर्थात् लंबी आयु के लिए प्रतिदिन सिन्दूर लगती है । माँग में दमकता सिन्दूर स्त्रिओं के श्रृंगार का प्रमुख अंग है।

प्रातःकाल अशुभ वस्तूओं का दर्शन नहीं करना चाहिए इसका वैज्ञानिक कारण क्या है ?

प्रातःकाल देखने योग्य और न देखने योग्य वस्तुओं का विचार मनोविज्ञान पर निर्भर करता है । जिसका प्रभाव दिन भर मन मस्तिष्क पर बना रहता है और उसी के कुपरिणाम व सुपरिणाम मिलते हैं।

प्रातःकाल किन वस्तुओं का दर्शन करना अशुभ होता है ?

दुराचारिणी स्त्री,एक ऑख का काना,नंगा,पापी व्यक्ति,विधवा स्त्री का प्रातःकाल दर्शन अशुभ होता है।

हिन्दू लोग पूजा पाठ आदि शुभ कार्य पूर्व दिशा की ओर मुख करके क्यों करते हैं ?

सूर्य को हिन्दू धर्म के लोग प्रधान देवता क्र रूप में मानते एवम् पूजते हैं। सूर्य पूर्व दिशा में उदित होता है । वेद भी पूर्वाभिमुख पूजा पाठ करने की आज्ञा देतें हैं।

पूर्वाभिमुख होकर पूजा करने का अन्य कारण हो तो वह भी स्पष्ट करें ।

कहा गया है कि उगते हुए सूरज को सभी नमस्कार करते हैं। उगता हुआ सूर्य उन्नति और निरन्तर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है । ऊँचा उठने का सन्देश छिपा होता है उगते हुए सूरज में ।

मनुष्य को किन अवस्थाओं में चुप रहना चाहिए ?

मैथुन काल में,मूत्र उत्सर्ग करते समय,श्राद्ध काल में,भोजन करते समय,दातून करते समय व्यक्ति को चुप रहना चाहिए।

शौच एवम् लघुशंका के समय क्यों मौन रहना चाहिए ?

धार्मिक दृष्टि में शौच और लघुशंका के समय मौन रहना चाहिए। वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर शौच एवम् लघुशंका के समय बोलना,खाँसना,हाँफना हानिकारक है क्योंकि मल के दूषित कीटाणु मुख के माध्यम से शरीर में प्रवेश करके आपको रोग ग्रस्त बना सकते हैं।

ताम्रपात्र में भोजन न करने के पीछे क्या कोई वैज्ञानिक कारण है ?

ताम्रपात्र में जल के अतिरिक्त अन्य पदार्थ रखने पर भोजन व ताम्रपात्र में रासायनिक अभिक्रिया होने लगती है। जिससे पात्र में रखा हुआ भोज्य पदार्थ विकृत होने लगता है।

ताँबे के पात्र में भोजन क्यों करना चाहिए या नहीं करना चाहिए ?

ताँबे के पात्र में भोजन करना निषिद्ध माना गया है क्योकि हिंदुओं की धर्म मान्यता के अनुसार ताम्रपात्र के केवल देवपूजन के प्रयोग में ही लाया जा सकता है।

मैं तुमसे जो कहती हूँ mai tumse jo kahti hoo

पत्नी(पति से)-मैं तुमसे जो कहती हूँ। तुम एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकल देते हो। पति (पत्नी से)- और तुमसे जो कुछ भी कहता हूँ। तो तुम दोनों कानों से सुनकर मुँह से निकल देती हो।

मनोचिकित्सक संता manochikitsak santa

मनोचिकित्सक संता,मानसिक रोगी बंता की जाँच कर रहे थे । डॉ संता-मान लो,इस वक्त यदि रेलगाड़ी तुम्हारी तरफ तेजी से आ रही हो,तो तुम क्या करोगे ? बंता-मैं अपने हेलीकाप्टर में बैठूंगा और फुर्र से उड़ जाऊँगा । डॉ संता-तुम्हारे पास हेलिकॉप्टर कहाँ से आयेगा ? बंता-वहीँ से, जहाँ से तुम्हारी रेलगाड़ी आयेगी।

दिमाग मत खा dimag mt kha

प्रेमिका अपने प्रेमी से-एक बात बताओ जब वजन,लम्बाई,चौड़ाई यह सब नाप के लिए मानक हैं। तो प्यार,दोस्ती और विश्वास नापने के लिए कुछ क्यों नहीं है। प्रेमी (काफी देर तक लड़की की तरफ देखने के बाद)-देख,दिमाक मत खा बेकार में पिट जायेगी। मैं पहले ही फिजिक्स में फेल हूँ।

मामूली भिखारी mamooli bhikhari

भिखारी-जनाब मैं कोई मामूली भिखारी नहीँ हूँ। मैंने रुपये कमाने के 100 तरी के नामक किताब लिखी है। राहगीर-तो फिर तुम भीख क्यों माँगते हो ? भिखारी-क्योंकि यह उस किताब में बताया गया सबसे आसान तरीका है।

अब अपनी यादों की खुशबू भी हम से छीन लोगे क्या

अब अपनी यादों की खुशबू भी हम से छीन लोगे क्या किताब-ए-दिल में अब ये सूखा गुलाब रहने दो।

जिंदगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेके आती है

जिंदगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेके आती है और जिंदगी की हर शाम तजुर्बे दे जाती है।

मैं शिकायत क्यों करूँ,ये तो किस्मत की बात है

मैं शिकायत क्यों करूँ,ये तो किस्मत की बात है तेरी सोच में भी नहीं मैं,मुझे तेरे लफ्ज़ो में याद है।

हम तन्हाई में भी तुमसे बिछड़ जाने से डरते हैं

हम तन्हाई में भी तुमसे बिछड़ जाने से डरते हैं तुझे पाना अभी बाक़ी है और खोने से डरते हैं।

Laptop ki umar badhane ke 6 tips लैपटॉप की उम्र बढ़ाने के 6टिप्स

अपने लैपटॉप की उम्र बढ़ाने के लिए अपनायें ये 6टिप्स- टिप्स 1- बढ़िया बैट्री बैकअप के लिए-लैपटॉप की बैटरी को लंबे समय तक कारगर बनाये रखने के लिए लैपटॉप में चल रहे व्यर्थ के फीचर्स को बंद कर दें। जैसे-वाई-फाई,ब्लूटूथ,अधिक ब्राइटनेस आदि को बंद रखें। टिप्स 2-चार्जिग के स्थान का रखें ध्यान-लैपटॉप चार्ज करने वाले कमरे का तापमान का ध्यान रखना चाहिए। कोशिश करें कि ऐसे स्थान पर लैपटॉप चार्ज करें जहाँ पर ज्यादा गर्मी व नमी न हो। चार्जिंग के दौरान एडाप्टर खुद ज्यादा गर्म होता है।ऐसे में गर्म स्थान पर चार्जिंग लैपटॉप के लिए हानिकारक होता है । टिप्स 3-लगातार चार्ज न करें बैटरी-फुल चार्ज होने के बाद भी चार्ज करते न रहें। चार्जिंग पूरी होने पर चार्जिंग पोर्ट हटा दें। जब भी बैटरी 15 प्रतिशत कम हो जाए तभी चार्जिंग पर लगायें। बैटरी को लो होने से पहले ही चार्ज करें। देर से चार्ज करने पर पॉवर होल्डिंग कम होती है। टिप्स 4-बैट्री ख़राब होने पर तुरन्त बदलवाएँ नहीं तो आपके लैपटॉप के इंटरनल पार्ट ख़राब हो सकतें हैं। टिप्स 5-लैपटॉप को चलते समय विंड पैनल को खुला रखें क्योकि विंड पैनल के खुला न होने पर लैपटॉप ही

Thaink god थैंक गॉड

म्यूजियम वाचमैंन-अरे ये क्या आपने जो मूर्ति तोड़ी,वो 500साल पुरानी है। आदमी-थैंक गॉड,मैंने तो समझा कि नई मूर्ति टूट गयी है।

Kaimre ki tarf dekho कैमरे की तरफ देखो

एक कैमरामैन स्टूडियो में छोटे बच्चे से बोला -बेटा...कैमरे की तरफ देखो,इसमें से कबूतर निकलेगा। बच्चा-बेवकूफो जैसी बातें मत करो,फोकस एडजस्ट करो और अच्छी फ़ोटो लो।....फेसबुक पर लगनी है।

Pati ka sapna पति का सपना

पति-जान,मैंने रात में एक बहुत प्यारा सपना देखा। मैंने देखा कि तुम मेरे लिए मेरा पसंदीदा खाना बनाकर लायी हो और मुझे अपने हाथों से खिला रही हो। इतना ही नहीं,खाना खाने के बाद मेरे पैर भी दबा रही हो। पत्नी-अब तो मुझे पक्का यकीन हो गया। पति-क्या? पत्नी-यही कि सपना कभी सच नहीं होता।