माँग में सिन्दूर लगाना सुहागिन स्त्रियों का सूचक है । हिंदुओं में विवाहित स्त्रियाँ ही सिन्दूर लगतीं हैं। कुँवारी कन्याओं एवम् विधवा स्त्रीओं के लिए सिन्दूर लगाना वर्जित है । इसके अलावा सिन्दूर लगाने से स्त्रिओं के सौंन्दर्य में भी निखार आता है अर्थात् उनकी सुन्दरता बढ़ जाती है । विवाह-संस्कार के समय पर दुल्हा दुल्हन के मस्तक में मंत्रोच्चार के मध्य पॉच अथवा सात बार चुटकी से सिन्दूर डालता है । तत्पश्चात विवाह कार्य सम्पन्न हो जाता है । उस दिन से वह स्त्री अपने पति की दीर्घायु अर्थात् लंबी आयु के लिए प्रतिदिन सिन्दूर लगती है । माँग में दमकता सिन्दूर स्त्रिओं के श्रृंगार का प्रमुख अंग है।
दोस्तों आज हम इंटरनेट रेडियो के बारे में जानेगें। इंटरनेट रेडियो (जिसे वेब रेडियो, नेट रेडियो, स्ट्रीमिंग रेडियो और ई-रेडियो के नाम से भी जाना जाता है) इंटरनेट के द्वारा प्रसारित एक ध्वनि सेवा है। इंटरनेट पर संगीत की स्ट्रीमिंग को सामान्यतः वेबकास्टिंग कहा जाता है क्योंकि इसे मोटे तौर पर बेतार की मदद से प्रसारित नहीं किया जाता है। इंटरनेट रेडियो में मीडिया की स्ट्रीमिंग होती है, सुनने वालों को अनवरत ध्वनि का प्रवाह मिलता है जिसे रोका या पुनः बजाया नहीं जा सकता है; ये इस तरह से मांग पर फाइल की प्रस्तुतीकरण की सेवा से भिन्न होता है। इंटरनेट रेडियो पॉडकास्टिंग से भी भिन्न है, जिसमे स्ट्रीमिंग के बजाय डाउनलोडिंग होती है। कई इंटरनेट रेडियो सेवाएं समरूपी पारंपरिक (स्थलीय) रेडियो स्टेशन रेडियो तंत्र से जुडी होती हैं। सिर्फ इंटरनेट रेडियो स्टेशन इस तरह के जुड़ावों से स्वतंत्र हैं। सामान्यतः इंटरनेट रेडियो सेवाएं दुनिया में किसी भी स्थान से सुगम हैं उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया के स्टेशन को अमेरिका या यूरोप से सुन सकता हैं। कुछ प्रमुख नेटवर्क जैसे अमेरिका के क्लिअर चैनलऔरसीबीएस रेडि...
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