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मोबाइल फ़ोन के हानिकारक प्रभाव,How to injuries mobile phone?phone hamare shrir pr kaise hanikark hai in hindi




दोस्तों आजकल मोबाइल फ़ोन सभी के लिए एक बहुत बड़ी आवश्यकता बन चुका है परन्तू क्या आप इसके हानिकारक प्रभाव से परिचित हैं।
आइये जानतें हैं मोबाइल के हानिकारक प्रभाव के बारे में-
मोबाइल फ़ोन के विकिरण मानव स्वास्थ और वातावर्ण पर गहरा प्रभाव डालता है। संसार के अधिक्तर लोग मोबाइल फ़ोन का उपयोग करते है, इसलिये मोबाइल फ़ोन के विकिरण, चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोगो का मानना है कि मोबाइल फ़ोन जो विध्युत चुम्बकीय विकिरण का प्रयोग करता है, इसके कारण मानव जीव के स्वास्थ को नुक्सान पहुचाता है। ३१ मई २०११ मे विश्र्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मोबाइल फ़ोन को लंबे समय तक इसतेमाल करने से हानीकारक हो सकता है। वैज्ञानिको ने मोबाइल फ़ोन विकिरण को "मनुष्य के लिए संभवतः कासीनजन " नामक वर्गीकृत किया है। मोबाइल फ़ोन और कॉफी, दोनो संभवतः कासीनजन पदार्थो के साथ, वर्ग २ बी मे श्रेणीकरण किया गया है। कुछ नये अध्ययनो से यह सूची मिली है की मोबाइल फोन के प्रयोग और मस्तिष्क और लार ग्रंथि के ट्यूमर के बीच संबंध पाया गया है। लेनार्त हार्देल और उस्के सहयोगियों के २००९ मेटा विश्र्लेषण जो ग्यारह छात्र पे किया गया था, उसके अनुसार जो लोग मोबाइल फ़ोन को दस वर्ष से अधिक प्रयोग करेगा तो मस्तिष्क ट्यूमर का खतरा दोगुना हो जाता है।

मोर्निगं साईद रिकवरी पुनर्वास केन्द्र के अनुसार अमेरिका मे लोग सोलाह घंटे की अवधि के दौरान १४४ मिनट मोबाइल फ़ोन पर बिताते है। एक अनुमान के द्वारा मोबाइल फ़ोन का छ्ह बिलियन अनुमोदन दुनिया भर में किया गया है, जिससे सेल फोन समाज में संचार के मौलिक साधन में से एक बन गया है। संघीय संचार आयोग (एफसीसी) के अनुसार मोबाइल फ़ोन के उप्योगकर्ताओं को न्यूनतम २० सेंटीमीटर की दूरी अपने हैंडसेट से रखना ज़रूरी है उससे विकिरण का प्रभाव कम होता है।

स्वास्थ्य के उपर पढ्ने वाले महत्वपूर्ण प्रभाव नीचे दिया गया है:

१) मोबाइल फ़ोन नकारात्मक भावनाओ को प्रभावित करता है: जब दो लोग एक दूसरे से बात करते है तब अगर एक व्यक्ति फ़ोन क उपयोग करता हो तो उस्से दूसरे व्यक्ति के नकारात्मक भावनाए उत्पन्न होती है। दो अनुसंधानो के अनुसार मोबाइल फ़ोन की उपस्थिति के कारण मनुष्य के रिश्तों में तनाव का स्तर बढता है।

2) मोबाइल फ़ोन के उच्च आवृति के कारण स्तर तनाव पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगा है। लगातार फ़ोन बजने से, अलर्ट आने से, अनुस्मारक आने से फ़ोन के उपयोगकर्ता पर तनाव पड़ता है। एक अनुसन्धान के अनुसार उच्च मोबाइल फ़ोन क इस्तेमाल क संबंध सोने मे गड़बड़ी, तनाव, अवासाद के लक्षण दोनो पुरुष और महिला मे पाया जाता है। कुल मिलाकर, अत्यधिक मोबाइल फ़ोन के उपयोग से युवा पीढ़ी के मानसिक स्वास्थ्य पर खतरा हो सकता है।

३) प्रतिरक्षा प्रणली में बीमारियो क खतरा बढ़ जाता है : अपने मोबाइल फ़ोन को लगातार छूने से रोगाणु फ़ोन पर लगते ही रहते है। आप एक दिन के उपयोग के बाद अपने मोबाइल फ़ोन पर देख सकते है की जो चिकने, तेल अवशेषों दिखाई पढ़ते है उसकी तुलना उन कीटाणुओं की बिमारियो के जैसी है जो शौचालय की सीट पर पाई जाती है। एक अनुसन्धान से यह पता चला है की ९२ प्रतिशत मोबाइल फ़ोन पर कीटाणू जमा होते है -८२ प्रतिशत कीटाणू हमारे हाथो में रहते है - इस्से मलीय पदार्थ एक फ़ोन से दूसरे फ़ोन में, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित किया जा सकता है। यह सदस्य विकिपरियोजना क्राइस्ट विश्वविद्यालय का हिस्सा है।

४) मोबाइल फोन के बानाने मे कई हानिकाराक द्राव्यो का प्रायोग किया जाता है। मोबाइल फोन के बानाने मे प्रयोग किय गए द्राव्य है कैदमियाम, लिथियम, तांबा, सीसा, जस्ता और पारा, जो विषात्क माने जाते है। इन हानिकाराक पदार्थओ के घुलने से और मिट्टी के आंदर रीसने से मिट्टी प्रादुषित हो जाता है, इसके अलावा भूमी जल को भी जहरीला बाना देता है। सिर्फ मोबाइल फोनों के दंपिंग हि नही उनके उत्पादन से भि पर्यावरण पर कई नाकारात्मक प्रभाव होते है। नए मोबाइल फोनों के उत्पादन जलवायु परिवर्तन और ग्रीन हौस प्राभाव के लिए भी कराक होते है। मोबाइल फोनों के रिसैकिलिंग से लगभग नब्बे प्रतिषत तक ग्रिन हौस गैसेस को बाचाया जा सकता है।

५) इस्के अलावा मोबाइल फोन के प्रयोग से शरीर के कई अंगो मेइन दर्द का उत्त्पन्न हो सकता है। ई मैल एवं संदेशओं के उत्तर तीव्र गति से देने के कारण जोदों मे दर्द  और सूजन का मेहसूस होता है। पीठ मे दर्द भी मोबाइल के अत्यंत प्रयोग के कारण ही होता है।

६) मोबाइल को अधिक समय तक घूरने पर भी हमारे द्रुष्टि पर गलत प्रभाव होता है। उनके अधिकतर प्रयोग से आँखों पर तनाव बड जाता है। मोबाइल के स्क्रिन कंप्यूटर से कई गुना छोटे होते है और उन्हे देख्ने के लिये भेंगना पदता है, इस से आँखों मे तनाव और भि आधिक हो जाता है। आगे जाके इसी कारण से नेत्र संबंधित समस्यों लोगों मै उपस्तित होते है। मोबाइल का अत्यंन्त उप्योग से हमरे शरीर के मुद्रा मै भि परिवर्तण आ सकता है जिस से भि पीठ एवं गर्दन पर नाकारात्मक प्रभव पाये जा सकते है।

७) हम यह भि देख सकते है कि मोटर दुर्गतनओं के प्रमुख कारण है मोबाइल फोन को घाडी चलाने के वक्थ उप्योग करना। कई देशों मे घाडी चलाते वक्थ फोने का उप्योग करना नियम विरुध माना जाता है।

८) इस्के अलवा हम यह भि देख सकते है कि मोबाइल फोन के उप्योग से गर्भवति महिलाओं को व्यवहार कि समस्याओं के साथ पैदा होने वाले बच्चों कि सम्भावाना कि सुचना भि दिया गाया है। उन्के एक दिन मै दो या तीन बार मोबाइल के उप्योग से उन्के बच्चॉ मै भावानात्मक समस्यओं के उत्पन्न होने कि सूचना भि दिया गाया है। वह बच्चे अगर साथ साल के उम्र से पेहले अगर मोबाइल फोने का उप्योग करे तो समस्यऑ कि बदने कि सूचन भि दि गयी है।

९) मोबाइल के उप्योग से मस्तिष्क के तापमान मे भि उतार चदाव होता है। मोबाइल फोनों से उत्पन्न होने वाले विकिरण के कारण हि मस्तिष्क मे तापमान का उतार चदाव होता है।


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