ब्रम्हारन्र्ध और अध्मि नामक स्थान के ठीक ऊपर स्त्रियाँ सिन्दूर लगती हैं। जिसे सामान्य भाषा में सीमन्त अथवा माँग कहते हैं। पुरूषो की अपेक्षा स्त्रियों का यह भाग अपेक्षाकृत कोमल होता है। चूँकि सिन्दूर में पारा जैसी धातु अत्यधिक मात्रा में पायी जाती है जो कि स्त्रियों के शरीर की विधुतीय ऊर्जा को नियंत्रित करती है तथा मर्मस्थल को बाहरी दुष्प्रभाव से भी बचाता है । अतः वैज्ञानिक दृष्टि से भी स्त्रियों का सिन्दूर लगाना आवश्यक है।
दोस्तों आज हम इंटरनेट रेडियो के बारे में जानेगें। इंटरनेट रेडियो (जिसे वेब रेडियो, नेट रेडियो, स्ट्रीमिंग रेडियो और ई-रेडियो के नाम से भी जाना जाता है) इंटरनेट के द्वारा प्रसारित एक ध्वनि सेवा है। इंटरनेट पर संगीत की स्ट्रीमिंग को सामान्यतः वेबकास्टिंग कहा जाता है क्योंकि इसे मोटे तौर पर बेतार की मदद से प्रसारित नहीं किया जाता है। इंटरनेट रेडियो में मीडिया की स्ट्रीमिंग होती है, सुनने वालों को अनवरत ध्वनि का प्रवाह मिलता है जिसे रोका या पुनः बजाया नहीं जा सकता है; ये इस तरह से मांग पर फाइल की प्रस्तुतीकरण की सेवा से भिन्न होता है। इंटरनेट रेडियो पॉडकास्टिंग से भी भिन्न है, जिसमे स्ट्रीमिंग के बजाय डाउनलोडिंग होती है। कई इंटरनेट रेडियो सेवाएं समरूपी पारंपरिक (स्थलीय) रेडियो स्टेशन रेडियो तंत्र से जुडी होती हैं। सिर्फ इंटरनेट रेडियो स्टेशन इस तरह के जुड़ावों से स्वतंत्र हैं। सामान्यतः इंटरनेट रेडियो सेवाएं दुनिया में किसी भी स्थान से सुगम हैं उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया के स्टेशन को अमेरिका या यूरोप से सुन सकता हैं। कुछ प्रमुख नेटवर्क जैसे अमेरिका के क्लिअर चैनलऔरसीबीएस रेडि...
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