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What is treatment of acidity ? एसिडिटी या अम्लता का इलाज क्या है ? Acidity ka ilaj kya hai in hindi on blogger on google

इसे अम्लपित्त या एसिडिटी भी कहतें हैं। इस रोग में आमाशय में अम्ल रस अधिक बनता है। इसलिए जो भोजन किया जाता है वह ठीक से नहीं पचता है।
लम्बे समय तक ऐसी ही स्थिति बने रहने पर अम्लपित्त रोग हो जाता है।
कारण-यह रोग वातावरण में नमी के कारण होता है। इसलिए यह रोग बरसात के मौसम में अधिक होता है।
अम्ल प्रधान,खट्टे-चटपटे और विदही पदार्थों के अधिक सेवन से भी अम्ल रस अधिक बनने लगता है।
लक्षण-पेट,छाती व गले में जलन होती है और खट्टी डकारें आतीं हैं। डकार के साथ-साथ गले में खट्टा व तीखा पानी भी आ जाता है। कभी-कभी उल्टी भी हो जाती है। अम्लपित्त में अपच,कब्ज व दस्त की भी शिकायत होती है।
नुश्खे-1-चोकर सहित आटे की रोटी खाने से भी फायदा होता है।
2-सन्तरे के रस में थोडा भुना जीरा और पिसा हुआ सेंधा नमक मिलाकर पीने से तुरंत लाभ होता है।
3-प्रातःकाल दो केले खाकर एक प्याला गर्म दूध पिने से इस रोग का कुछ ही दिनों में शमन हो जाता है।
4-भोजन के तुरंत बाद दूध के साथ दो बड़े चम्मच ईसबगोल लेने से अम्लता दूर होती है।
5-अदरख और धनिया बराबर मात्रा में खाने से पित्त शांत होता है।
6-अदरख के रस में पुदीने का रस बराबर मात्रा में लेकर दिन में दो-तीन बार सेवन करें। अम्लता दूर हो जायेगी।
7-अदरख के रस में थोडा सा भुना हुआ जीरा और सेंधा नमक डालकर सुबह-शाम सेवन करें,ऊपर से आधा गिलास छाछ पी लें।
8-अदरख का रस और शहद बराबर मात्रा में लेकर सुबह-शाम चाटें। इससे रोग में लाभ होता है।

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