जो कुलीन हो,सदाचारी हो,जिसकी भावनाएँ शुद्ध हों और इंद्रियां वश में हों। जो समस्त शास्त्रों के सार उपासना के रहस्यों को जानता हो,समस्त शास्त्रों के अर्थ स्वरूप को जानता हो जो परोपकार में रस का अनुभव करता हो,जप और पूजा आदि में संलग्न हो,जिसकी वाणी अमोघ हो,शांति जिसे कभी न छोड़ती हो,जो वेद और वेदार्थ का पारदर्शी हो,योग-मार्ग में जिसकी पूर्ण प्रगति हो,जो ह्रदय के लिए देवता के समान सुखकर हो तथा और भी अनेक गुण जिसमें स्वभाव से ही निवास करतें हों,वही शास्त्रसम्मत गुरु है।
What is treatment of pain of neck ? गले में पीड़ा का इलाज ? Gle me dard ka ilaj kya hai in hindi on blogger on google
सर्दी,जुकाम,सूजन और अन्य कारणों से गले में पीड़ा होती है। यह दर्द सूई की चुभन या फटने जैसी होती है। इसके इलाज के नुश्खे निम्न हैं- नुश्खे-1-तेजपत्ते को पानी में उबालकर उससे गरा...
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें