एक बार कोर्ट में एक केस से सम्बंधित केस चल रहा था। तब जज ने कहा-कार्यवाही शुरू की जाये।
वकील एक औरत गवाह से-क्या आप मुझे जानतीं हैं?
औरत-हाँ,बेटा तू पड़ोस वाले शर्मा जी का बीटा है ना। तू तो बचपन में बड़ा नालायक था,पढाई-लिखाई में बहुत ही कमजोर था। तेरे पिताजी तुझे गधा,नालायक,उल्लू इत्यादि कहा करते थे। तूतो कामचोर था। किसी तरह शर्माजी ने रिश्वत देकर तेरा दाखिला LL.B में करवाया था और तू नकल करके पास हो गया अब कोर्ट में दलाली करता है। हाँ बेटा मैं तुझे जानती हूँ।
इसको सुनकर वकील हक्का-बक्का रह गया परन्तु कुछ सम्भल कर बोला कि क्या आप विपक्ष के वकील को जानती हैं।
इस पर वह औरत फिर बोली-हाँ,बेटा उसे भी जानती हूँ। वो भी तेरी तरह नालायक,दलाल,रिश्वतखोर,ढोंगी और मक्कार है। वह मिश्राजी का एकलौता बेटा है। यह बचपन में मेरे घर के बाग से आम चुराया करता था। चोर कहीं का हाँ बेटा उसे जानती हूँ।
तब जज ने वकीलों को बुलाकर कहा कि यदि तुम लोगो ने उस औरत से मेरे बारें में पूछा तो तुम दोनों को इलेक्ट्रिक कुर्सी पर बिठा दूँगा।
दोस्तों आज हम इंटरनेट रेडियो के बारे में जानेगें। इंटरनेट रेडियो (जिसे वेब रेडियो, नेट रेडियो, स्ट्रीमिंग रेडियो और ई-रेडियो के नाम से भी जाना जाता है) इंटरनेट के द्वारा प्रसारित एक ध्वनि सेवा है। इंटरनेट पर संगीत की स्ट्रीमिंग को सामान्यतः वेबकास्टिंग कहा जाता है क्योंकि इसे मोटे तौर पर बेतार की मदद से प्रसारित नहीं किया जाता है। इंटरनेट रेडियो में मीडिया की स्ट्रीमिंग होती है, सुनने वालों को अनवरत ध्वनि का प्रवाह मिलता है जिसे रोका या पुनः बजाया नहीं जा सकता है; ये इस तरह से मांग पर फाइल की प्रस्तुतीकरण की सेवा से भिन्न होता है। इंटरनेट रेडियो पॉडकास्टिंग से भी भिन्न है, जिसमे स्ट्रीमिंग के बजाय डाउनलोडिंग होती है। कई इंटरनेट रेडियो सेवाएं समरूपी पारंपरिक (स्थलीय) रेडियो स्टेशन रेडियो तंत्र से जुडी होती हैं। सिर्फ इंटरनेट रेडियो स्टेशन इस तरह के जुड़ावों से स्वतंत्र हैं। सामान्यतः इंटरनेट रेडियो सेवाएं दुनिया में किसी भी स्थान से सुगम हैं उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया के स्टेशन को अमेरिका या यूरोप से सुन सकता हैं। कुछ प्रमुख नेटवर्क जैसे अमेरिका के क्लिअर चैनलऔरसीबीएस रेडि...
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