गन्ने के रस से बनता है सिरका। सिरके को रूचिकर, पेट के रोगों में लाभप्रद, ह्रदय के लिए लाभकारी, अग्नि को प्रदीप्त करने वाला, सिरका पेट की वायु को नष्ट करने वाला है। इसकी उपयोगिता के अनेक कारण हैं।
प्राचीनकाल से घरेलू औषधि के रूप में यह प्रयोग होता रहा है।
आइये जानतें हैं सिरके के निम्न उपयोग-
1- भोजन में स्वाद हेतु- भोजन करते समय दाल, सब्जी अथवा सलाड आदि के साथ जरा सा सिरका मिला लेने से भोजन का स्वाद बढ़ जाता है और भोजन शीघ्र पच जाता है।
2- बाल का झड़ना- पानी में सिरका मिलाकर सिर धोने से बालों का झड़ना रुक जाता है।
3-गले की सूजन- गले की सूजन, जलन आदि दूर करने के लिए पानी में सिरका मिलाकर कुल्ला करने से शीघ्र आराम मिलता है।
4- आँखों की ज्योति का बढ़ना- सिरका व शहद पानी में मिलाकर पीने से आँखों की ज्योति व चमक तेज होती है।
5-पेटदर्द- पेट में दर्द हो रहा हो। तो एक गिलास पानी में आधा चम्मच सिरका मिलाकर पीने से तुरंत आराम मिलता है।
6-जहरीले कीड़े के काटने पर-जहरीले कीड़े के काटने पर हुए घाव में सिरका भरने से विष का प्रभाव कम हो जाता है।
7-लू के लगने पर- सिरका तथा प्याज मिलाकर खाने से लू नहीं लगती है।
8-दाग-धब्बे-बेसन, हल्दी और मलाई में सिरका मिलाकर लेप बनायें। इस लेप को चेहरे पर लगाने से दाग और धब्बे दूर हो जातें हैं और चेहरे का रंग निखरता है।
9-पनीर को अधिक दिनों तक ताजा रखने के लिए उसे सिरके से भीगे कपड़े में लपेटकर रखें।
10-किसी भी नमकीन अचार में सिरका डालने से वह अचार खराब नहीं होता है।
11-दूध में सिरका डालने के बाद उस दूध से पनीर बनाने से पनीर मुलायम बनता है।
12-सिरके से रगड़कर छुड़ाने से लोहे के दाग भी छूट जातें हैं।
13-सिरका मिले पानी से कपड़े को धोने से कपड़े का रंग नहीं निकलता है और कपड़े फीके नहीं पडतें हैं।
14-खिड़की और दरवाजे के शीशे को सिरका मिले हुए पानी से धोने से साफ़ करने पर वह चमक उठतें हैं।
15-लालटेन में या दियासलाई में नई बत्ती डालने से पहले उसे सिरके में डालकर सुखा लें। इससे रौशनी अधिक होगी और धुँआ भी नहीं उठेगा।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें