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अदरख का उपयोग

अदरख से तो सभी लोग परिचित होगें ही। यह वह वस्तु है जो लगभग सभी के रसोई घर में मौजूद रहता है।भोजन के पूर्व अदरख को कतर कर नमक मिलाकर खाने से खुल कर भूख लगती है। इसके सेवन से कफ और वायु रोग नहीं होतें हैं। गांवों में इसका प्रयोग घरेलू औषधि के रूप में किया जाता है।
इसके निम्न प्रयोग किये जातें हैं-
नुश्खे-1-ज्वर-अदरख और पुदीने का काढ़ा बना कर पीने से ज्वर उतर जाता है।

2-भूख न लगना-यदि भूख ठीक तरह से न लगती हो, पेट में वायु भर जाती हो, कब्ज हो। तो अदरख को बारीक काटकर नमक छिड़ककर 1-2 ग्राम खाने से कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है और अन्य सभी समस्यायें भी ठीक हो जातीं हैं।

3-खाँसी- अदरख का रस, नींबू का रस शहद सम भाग में लेकर उसमें पिपरी डालकर दिन में दो-तीन बार पीने से खाँसी मिटती है। अदरख के रस में शहद मिलाकर चाटने से भी लाभ होता है।

4-नजला-जुकाम- अदरक को छीलकर बारीक काटकर कड़ाही में घी डालकर भून लें, फिर अदरक के बराबर वजन की चीनी की चाशनी में डालकर पकायें। जब खूब पक जायें। तो सोंठ, सफेद जीरा, काली मिर्च, नागकेशर, जावित्री, बड़ी इलायची, तेजपत्ता, पीपरी, धनिया, काला जीरा और वायबिंडन (प्रत्येक अदरक का 12 वां भाग) मिलाकर छानकर 7 से 15 ग्राम की मात्रा में नियमित सेवन करें। इससे पुराने से पुराना नजला-जुकाम भी ठीक हो जाता है।

5-आवाज बैठना-अदरक का रस मधु में मिलाकर सेवन करने से बैठी हुई आवाज खुलती है और सुरीली बनती है।

6-मंदाग्नि- अदरक का रस, नींबू का रस और सेंधा नमक एक साथ मिलाकर भोजन के प्रारम्भ में लेने से मंदाग्नि दूर होती है और भूख खुलकर लगती है। इस नुश्खे से कफ व वायु विकार नष्ट हो जाता है।

7-उल्टी- अदरख और प्याज का रस मिलाकर पीने से उल्टी बन्द हो जाती है।

8-मसूढ़ों की सूजन- 4 ग्राम सोंठ का चूर्ण पानी के साथ सेवन करने से मसूढ़ों की सूजन तथा दांतों का दर्द दूर होता है।

9-पेटदर्द- अदरख और पुदीने का रस 5-5 ग्राम और सेंधा नमक मिलाकर पीने से पेटदर्द से राहत मिलती है।

10-पतले दस्त-पतले दस्त होने पर अदरख कुचलकर पानी में उबालें फिर इस पानी को रोगी को दिन में तीन बार पिलायें। इससे तुरंत फायदा होगा।

11-लकवा-लकवा होने पर अदरख को पीसकर शहद के साथ मिलाकर रोगी को खिलाने से आराम मिलता है।

12-गठिया-गठिया रोग में अदरख के बारीक टुकड़े करके गाय के घी में भूनकर खाने से लाभ मिलता है। अदरक को तिल के तेल में गर्म करके उस तेल से जोड़ों में मालिश करने से भी फायदा मिलता है।

13-शीत ज्वर- शीत ज्वर में भी अदरक और पुदीने का काढ़ा बनाकर पीने से ज्वर उतर जाता है।

14-फ़्लू-फ़्लू या इन्फ्लूएंजा होने पर अदरख, तुलसी के पत्ते, काली मिर्च व लौंग इन सभी की चाय बना कर दिन में 3 से 4 बार पिलायें। फ़्लू से जल्दी ही राहत मिलेगी।

15-कब्ज-कब्ज की शिकायत होने पर अदरख , अजवाइन और गुड़ समान भाग या मात्रा में लेकर कूट लें फिर थोड़े से घी में भूनकर पानी डालकर पका लें। इसको नियमित खाने से कब्ज दूर होती है।
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