घरेलू औषधि के रूप में फिटकरी को विशेष महत्व प्राप्त है। त्वचा विकारों में तो यह अत्यंत महत्व पूर्ण है।
फिटकरी के पानी से कुछ दिन तक कुल्ला करने से पायरिया, मुँह के छाले, दांत के कीड़े आदि रोगों से मुक्ति मिलती है। इस तरह के चरम और दन्त रोगों में फिटकरी के निम्न नुश्खे विशेष रूप से लाभदायक हैं।
नुश्खे- 1-चर्म रोग- चरम रोगों में फिटकरी बड़ी ही लाभदायक है। जिस स्थान पर चर्म रोग हुआ हो। वहां उस स्थान को बार-बार फिटकरी से धोने से या फिटकरी के पानी से धोने से लाभ होता है।
2-बुखार-साधारण बुखार में थोड़ी सी सोंठ और फिटकरी पीसकर दिन में तीन बार बतासे में रखकर खिलाने से रोगी को लाभ मिलता है।
3-दांतदर्द में-दांतों के दर्द में फिटकरी और रीठे की गुठली को मिलाकर दांतों पर मलने से लाभ मिलता है।
4-पीलिया-पीलिया में फिटकरी अत्यंत लाभकारी है। 10 ग्राम फिटकरी को पीसकर 21 पुड़ियां बनायें। दिन में तीन बार 1-1 पुड़िया गाय के दूध के मक्खन के साथ सेवन करने से पीलिया दूर होता है।
5-कुष्ठ रोग में-कुष्ठ रोग के इलाज के लिए 100 ग्राम फिटकरी पीसकर भस्म बनायें। फिर दो रत्ती फिटकरी और एक चम्मच शहद को गाजर मूली के रस में मिलाकर नियमित सेवन करें। 100 ग्राम शुद्ध गंधक और 100 ग्राम भूनी हुयी फिटकरी मिलाकर नीम के रस में घोटकर राई के तेल में पकाएं और इसका लेप करें। तीन घण्टे बाद नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर लेप को धो डालें और फिटकरी के पानी से ही स्नान करें। कुछ ही दिनों में कुष्ठ रोग ठीक हो जायेगा।
6-घाव- अगर कोई घाव नहीं भर रहा है तो फिटकरी को तवे पर भूनकर उसका चूर्ण बना लें। फिर एक चौथाई चम्मच गाय के घी में पौना ग्राम फिटकरी मिलाकर घाव में लगायें। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में घाव भर जायेगा।
7-आँखों में रोहे-5 ग्राम फिटकरी और 5 ग्राम सुहागा एक साथ पीस लें। फिर इसमें एक या डेढ़ ग्राम कलमी सोरा मिलाकर मिश्रण को छान लें और दो-तीन बूँदें आँखों में सुबह शाम डालें। यह लाभप्रद है।
8-पायरिया- यदि दांतों में खून आता हो तो 5 ग्राम फिटकरी का चूर्ण बना लें। उसमे जामुन की लकड़ी के कोयले को मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण को दांतों पर मलने से दांतों से खून निकलना बन्द हो जाता है।
9-बदहजमी-हाजमा बिगड़ जाने पर दो-दो ग्राम कलमी सोरा और नौसादर को आधा ग्राम फिटकरी में पिघलाकर एक स्टील की कटोरी में ठंडा कर लें।बच्चों को एक रत्ती और बड़ों को चार रत्ती की फंकी देकर ताजा पानी पिलायें। इससे बदहजमी दूर हो जाती है।
10-मुँह के छाले-आग में फुलाई गयी फिटकरी और बराबर मात्रा में माजूफल का चूर्ण मिलाकर जीभ पर मलें। इससे लार गिरेगी और छाले ठीक हो जायेगें।
11-चोट- अंदरूनी चोट लगने पर एक गिलास दूध में आधा ग्राम फिटकरी मिलाकर पिलायें। फिर एक घण्टे बाद दूध में हल्दी डालकर पिलायें। इससे चोट में राहत मिलती है।
12-काली खांसी- गन्ने की चाशनी से निकली गई चीनी तथा भुनी हुई फिटकरी सममात्रा में लेकर पीस कर रख लें। केवल 5 ग्राम की मात्रा में इस चूर्ण की फंकी खाने से काली खांसी दूर हो जाती है। सूखी खांसी के लिए 10 ग्राम फिटकरी और 25 ग्राम मिश्री का चूर्ण बनायें। इस चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में फ़ाँक कर 250 मिली गुनगुना दूध पियें। इसके सेवन से काली खांसी दूर हो जाती है।
किसी एनी जानकारी के लिए सम्बंधित टैग्स पर क्लिक करें।
http://techgyanu.blogspot.in
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें