दस्त खानपान की गड़बड़ी से होने वाला पेट का रोग है।
इस रोग में जो भी खाया जाता है,पचता नहीं है और बार-बार पतले दस्त आतें हैं। दस्त में कभी-कभी असह्य बदबू भी आती है।
कारण-मिलावटी खाद्य,दूषित वायु,दूषित जल प्रमुख कारण है। इसके अतिरिक्त अत्यंत गर्म,चटपटे,अत्याधिक गरिष्ठ,भारी और रूखे पदार्थों का सेवन करने से भी इस रोग की उतपत्ति होती है।
लक्षण-पानी के समान बार-बार पतला दस्त होता है साथ ही पेट में चुभने जैसा दर्द होता है। कभी-कभी मिचली या उल्टी की भी शिकायत होती है। सिरदर्द व थोडा सा बुखार भी हो सकता है,चक्कर आतें हैं और पसीना निकलता है,शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
नुश्खे-1-कच्चे केलों को उबालकर छील लें। एक बर्तन में थोडा सा घी डालकर गर्म करें और 2-3 लौंग की छौंक देकर उसमें केले डाल दें। दही में धनिया,हल्दी,सेंधा नमक मिलाकर इसमें डाल दें। ऊपर से थोडा पानी डालें,कुछ ही देर में केले को स्वादिष्ट सब्जी तैयार हो जायेगी। इस सब्जी के सेवन से दस्त या अतिसार में अत्याधिक लाभ होता है।
2-गर्मी के मौसम के कारण दस्त हो रहें हैं, तो 9 से 10 सिंघाड़े खाकर मठ्ठा पीयें,इससे एक दिन में आराम हो जाता है।
3-उपले का टुकड़ा जलाकर राख बना लें,तीन चम्मच राख और एक चम्मच मीठा सोडा मिलाकर फंकी लेकर ऊपर से मठ्ठा पीयें,लेकिन मठ्ठे में पानी नहीं मिलाना चाहिए। इससे दस्त बन्द होकर मल बाँध जाता है।
4-सुखाये हुए सन्तरे के छिलके और सूखे हुए मुनक्के के बीज समान मात्रा में लेकर घोटकर पीने से दस्त बन्द हो जाता है। तीन-चार दिनों तक इसके लगातार सेवन से आंव भी बन्द हो जाती है।
5-खूनी दस्त होने पर गाय के दूध का मक्खन दस ग्राम खाकर ऊपर से छाछ पीना चाहिए,इससे खूनी दस्त बन्द हो जातें हैं।
What is treatment of pain of neck ? गले में पीड़ा का इलाज ? Gle me dard ka ilaj kya hai in hindi on blogger on google
सर्दी,जुकाम,सूजन और अन्य कारणों से गले में पीड़ा होती है। यह दर्द सूई की चुभन या फटने जैसी होती है। इसके इलाज के नुश्खे निम्न हैं- नुश्खे-1-तेजपत्ते को पानी में उबालकर उससे गरा...
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