चोट लग्न या मोच आना एक सामान्य बात है किन्तु इसकी कभी भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए नहीं तो इसके गम्भीर परिणाम हो सकतें हैं। राह चलते,घर का काम-काज करते हुए फिसल जाने पर या गिर जाने पर मोच,चोट या घाव हो जाता है।
नुश्खे-1-त्वचा या घाव से बहते हुए खून पर पिसी हुयी फिटकरी छिड़क दीजिये,इससे खून का बहना तुरंत बन्द हो जायेगा।
2-मोच के स्थान पर सरसों का तेल लगाकर उस पर हल्दी पाउडर छिड़कें तथा मोटे तौलिये से ढक दें। एक कपड़े में नमक की पोटली बाँध लें,इसे तवे के ऊपर गरम करके तौलिये के ऊपर सेंक दें।
3-चोट के कारण घाव होने पर 20-25 नीम की ताजी पत्तियों को तोड़कर पानी के साथ पीस लें और साफ़ कपड़े से छान लें। इस रस में चुटकीभर हल्दी डाल दें फिर इस रस में रूई के फाहे को भिगोकर तवे पर थोडा सा घी डालकर गर्म करें। जब रूई जलने लगे तो उसे हटाकर थोडा सा ठंडा कर घाव पर लगाकर पट्टी बाँध दें। रूई का फाहा इतना गर्म होना चाहिए की बर्दाश्त किया जा सके। ऐसा तीन चार दिन करने से घाव ठीक हो जायेगा।
4-नीम की हरी पत्तियों को पीसकर उसकी लुगदी बनाकर घाव पर रख कर पट्टी बाँध दें।
5-प्याज को पीसकर पुल्टिस बनाकर घाव पर बाँधने से भी लाभ होता है।
6-तुलसी के पत्तों की पीसकर लगाने से भी घाव ठीक हो जाता है।
7-यदि सब्जी काटते समय चाकू से ऊगली कट गयी हो और खून आने लगा हो। तो मिटटी के तेल में कपड़ा भिगोकर ऊपर से मिट्टी का थोडा सा तेल छिड़ककर कसकर बाँध दें,खून का बहना तत्काल बन्द हो जायेगा।
8-गूलर के पत्तों को पीसकर घाव पर कुछ दिनों तक लगाने से घाव जल्द ही भर जाता है।
http://Techgyanu.blogspot.in
What is treatment of pain of neck ? गले में पीड़ा का इलाज ? Gle me dard ka ilaj kya hai in hindi on blogger on google
सर्दी,जुकाम,सूजन और अन्य कारणों से गले में पीड़ा होती है। यह दर्द सूई की चुभन या फटने जैसी होती है। इसके इलाज के नुश्खे निम्न हैं- नुश्खे-1-तेजपत्ते को पानी में उबालकर उससे गरा...
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें