Ovulation se smbandhit 8 baate in hindi on blogger on google 8 ways to tell that you are ovulation in hindi ओव्यूलेशन से सम्बंधित आठ महत्वपूर्ण तथ्य
ऑव्युलेशन एक नियमित शरीरिक क्रिया है। इसके दौरान गर्भाशय के अंडो का आकार काफी विकसित हो जाता है।जिससे की उसमे गर्भ ठहर सके।इसके लिए पीरियड के पहले दिन से लेकर दसवें दिन तक और पीरियड की संभावित दिन से एक हफ्ते पहले का समय छोड़कर जो दिन बचते हैं यानी 10वें दिन से लेकर 23वें दिन तक का समय आदर्श है।
हर महिला में प्रेग्नेंसी की स्थितियां और ऑव्युलेशन प्रक्रिया अलग-अलग होतीं हैं।
महिलाओं के फिट्स का विकास भी अलग-अलग होता है।इसलिए हर महिला में ऑव्युलुशन का समय भी अलग-अलग होता है।
इस प्रक्रिया को समझने के बाद गर्भधारण में आसानी होती है। इसे समझने के लिए निम्न बातों पर ध्यान दें-
कैलेंडर वाच-प्राकृतिक तरीकों में एक कैलेण्डर वाच है। जिसे सालों से महिलाएं सालों से प्रयोग में लातीं हैं।अगर आपको जल्द ही प्रेग्नेंट होना है। तो अपने ऑव्युलुशन की डेट पर नजर रखना शुरू कर दें। आपकी जानकारी के लिए आपको यह कि यह दिन मासिक धर्म के 14वें दिन पड़ता है।
शरीर का तापमान-इसमें ओव्यूलेशन के संभावित समय के समय का तापमान चेक करके जाना जाता है और उसी के अनुसार निर्णय लिया जाता है।इसमें महिलाओ को अपने शरीर को रोज नोट किया जाता है।जब ओव्यूलेशन होता है। तो उस समय शरीर का तापमान आधा डिग्री बढ़ जाता है।
पेट में ऐंठन-ओव्यूलेशन के दिनों में अक्सर महिलाओ को पेट के निचले भाग में अधिक ऐंठन महसूस होती है। कई बार क्रैप की जगह पेट के निचले हिस्से में हल्का-हल्का दर्द महसूस होता है और ओव्यूलेशन के समय के बाद यह अपने आप खत्म हो जाता है।
गीलेपन का अहसास-इन दिनों में अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक गीलापन महसूस होता है।
अक्सर ऐसे समय में व्हाइट वाटर डिस्चार्ज होता है। जिसकी वजह से यह बदलाव महिलाएं महसूस करतीं हैं।
ब्रेस्ट में हल्का दर्द-ओव्यूलेशन के समय महिलाओं को ब्रेस्ट में हल्का दर्द या फिर कड़ापन भी महसूस होता है।ब्रेस्ट छूने पर अधिक दर्द महसूस होना भी फर्टाइल दिनों का लक्षण हो सकता है।
सेक्स की अधिक इच्छा-इस समय शरीर में सेक्स हार्मोन सबसे सक्रिय रहते हैं,यही वजह है कि इस दौरान महिलाओं में सेक्स की इच्छा बढ़ जाती है।
जी मचलना-शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से कई बार ओव्यूलेशन के दौरान महिलाओं में जी मचलाना,भोजन का स्वाद बदल जाता है।
यूरीन टेस्ट-ज्यादातर मेडिकल स्टोर पर ओव्यूलेशन टेस्ट किट मिलती है।इसकी मदद से आप ओव्यूलेशन पीरियड के बारे में जान सकतें हैं।इस किट की मदद से यूरीन में मौजूद एलएच हार्मोन की जांच की जाती है। जो ओव्यूलेशन से पहले और बाद में स्त्रावित होतें हैं। ओव्यूलेशन टेस्ट की मदद से एलएच हार्मोनल के उच्च स्तर के बारे में पता चलता है। जो कि ओव्यूलेशन की बड़ी पहचान है।
हर महिला में प्रेग्नेंसी की स्थितियां और ऑव्युलेशन प्रक्रिया अलग-अलग होतीं हैं।
महिलाओं के फिट्स का विकास भी अलग-अलग होता है।इसलिए हर महिला में ऑव्युलुशन का समय भी अलग-अलग होता है।
इस प्रक्रिया को समझने के बाद गर्भधारण में आसानी होती है। इसे समझने के लिए निम्न बातों पर ध्यान दें-
कैलेंडर वाच-प्राकृतिक तरीकों में एक कैलेण्डर वाच है। जिसे सालों से महिलाएं सालों से प्रयोग में लातीं हैं।अगर आपको जल्द ही प्रेग्नेंट होना है। तो अपने ऑव्युलुशन की डेट पर नजर रखना शुरू कर दें। आपकी जानकारी के लिए आपको यह कि यह दिन मासिक धर्म के 14वें दिन पड़ता है।
शरीर का तापमान-इसमें ओव्यूलेशन के संभावित समय के समय का तापमान चेक करके जाना जाता है और उसी के अनुसार निर्णय लिया जाता है।इसमें महिलाओ को अपने शरीर को रोज नोट किया जाता है।जब ओव्यूलेशन होता है। तो उस समय शरीर का तापमान आधा डिग्री बढ़ जाता है।
पेट में ऐंठन-ओव्यूलेशन के दिनों में अक्सर महिलाओ को पेट के निचले भाग में अधिक ऐंठन महसूस होती है। कई बार क्रैप की जगह पेट के निचले हिस्से में हल्का-हल्का दर्द महसूस होता है और ओव्यूलेशन के समय के बाद यह अपने आप खत्म हो जाता है।
गीलेपन का अहसास-इन दिनों में अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक गीलापन महसूस होता है।
अक्सर ऐसे समय में व्हाइट वाटर डिस्चार्ज होता है। जिसकी वजह से यह बदलाव महिलाएं महसूस करतीं हैं।
ब्रेस्ट में हल्का दर्द-ओव्यूलेशन के समय महिलाओं को ब्रेस्ट में हल्का दर्द या फिर कड़ापन भी महसूस होता है।ब्रेस्ट छूने पर अधिक दर्द महसूस होना भी फर्टाइल दिनों का लक्षण हो सकता है।
सेक्स की अधिक इच्छा-इस समय शरीर में सेक्स हार्मोन सबसे सक्रिय रहते हैं,यही वजह है कि इस दौरान महिलाओं में सेक्स की इच्छा बढ़ जाती है।
जी मचलना-शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से कई बार ओव्यूलेशन के दौरान महिलाओं में जी मचलाना,भोजन का स्वाद बदल जाता है।
यूरीन टेस्ट-ज्यादातर मेडिकल स्टोर पर ओव्यूलेशन टेस्ट किट मिलती है।इसकी मदद से आप ओव्यूलेशन पीरियड के बारे में जान सकतें हैं।इस किट की मदद से यूरीन में मौजूद एलएच हार्मोन की जांच की जाती है। जो ओव्यूलेशन से पहले और बाद में स्त्रावित होतें हैं। ओव्यूलेशन टेस्ट की मदद से एलएच हार्मोनल के उच्च स्तर के बारे में पता चलता है। जो कि ओव्यूलेशन की बड़ी पहचान है।
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