आंवला हमारे देश के श्रेष्ठ फलों में से एक है। यह आयुवर्धक,कल्याणकारी,श्रीफल,अमृतफल आदि नामों से जाना जाता है। इसके नियमित सेवन से आँखों की ज्योति बढ़ती है। यह ह्रदय रोगों में लाभकारी है।
हरा आंवला रसायन होता है। सूखा आंवला कफ को नष्ट करता है। यह खून की गर्मी को शांत करता है तथा हड्डियों को मजबूत बनाता है। यह भूख को बढ़ाने वाला,पाचन शक्ति को ठीक करने वाला तथा त्वचा रोगों को नष्ट करने वाला है।
इसके निम्न उपयोग हैं-
1-कब्ज-एक छोटा चम्मच पिसा हुआ आंवला रात को दूध के साथ सेवन करने से यह कब्ज को दूर करता है।
2-अम्लपित्त-एक तोला आंवलों का रस,पानी में मसली हुई एक तोला काली द्रादा और आधा तोला शहद मिलाकर पीने से अम्लपित्त में विशेष आराम मिलता है।
3-स्त्रियों का सोमरोग-20 ग्राम आंवले के रस में एक पका हुआ केला मसलकर उसमें 5 ग्राम शक्कर मिलाकर खाने से स्त्रियों का सोमरोग (बहुमूत्र) दूर हो जाता है।
4-पथरी-आंवलें का चूर्ण मूली के साथ खाने से मूत्राशय की पथरी दूर होती है।
5-पेशाब में जलन-आंवला और हल्दी 10-10 ग्राम लेकर काढ़ा बनाकर पीने से मूत्रमार्ग और गुदा मार्ग को जलन शांत होती है।
6-पायरिया-आंवलें को आग पर भूनकर उसमें सेंधा नमक मिलाकर बारीक पीस लें,साथ ही उसमें दो-तीन बूँद सरसों का तेल मिलाकर इससे नियमित मंजन करने से पायरिया रोग का नाश होता है।
7-हड्डी टूटने पर-हड्डी टूटने पर आवश्यक उपचार के बाद नियमित रूप से आंवलें का रस किसी फल के रस में मिलाकर लें,विशेष लाभ होता है।
8-नेत्र ज्योति-नेत्र रोगों में आंवलें का चूर्ण गाय के दूध के साथ नियमित सेवन करना चाहिए इससे नेत्र की ज्योति बढ़ती है।
9-पीलिया-तीन भाग ताजे आंवलें के रस में एक भाग शहद मिलाकर सुबह-दोपहर-शाम को लें। इससे पीलिया में अवश्य लाभ होगा।
10-बवासीर-बवासीर की शिकायत होने पर आंवलें का चूर्ण दही के साथ नियमित लेना चाहिए।
11-दस्त-सूखा आंवला तथा काला नमक समान भाग में लेकर चूर्ण बना लें अजीर्ण से होने वाले दस्त में आधा चम्मच चूर्ण दिन में तीन बार जल के साथ सेवन करें। दस्त बन्द हो जायेगें।
12-पेट में कीड़े-25 ग्राम ताजे आंवलें का रस नित्य प्रातः खाली पेट एक हफ्ते तक लें,इससे पेट के सारे कीड़े मर जायेगें।
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मोबाइल फ़ोन के हानिकारक प्रभाव,How to injuries mobile phone?phone hamare shrir pr kaise hanikark hai in hindi
दोस्तों आजकल मोबाइल फ़ोन सभी के लिए एक बहुत बड़ी आवश्यकता बन चुका है परन्तू क्या आप इसके हानिकारक प्रभाव से परिचित हैं। आइये जानतें हैं मोबाइल के हानिकारक प्रभाव के बारे में- मोबाइल फ़ोन के विकिरण मानव स्वास्थ और वातावर्ण पर गहरा प्रभाव डालता है। संसार के अधिक्तर लोग मोबाइल फ़ोन का उपयोग करते है, इसलिये मोबाइल फ़ोन के विकिरण, चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोगो का मानना है कि मोबाइल फ़ोन जो विध्युत चुम्बकीय विकिरण का प्रयोग करता है, इसके कारण मानव जीव के स्वास्थ को नुक्सान पहुचाता है। ३१ मई २०११ मे विश्र्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मोबाइल फ़ोन को लंबे समय तक इसतेमाल करने से हानीकारक हो सकता है। वैज्ञानिको ने मोबाइल फ़ोन विकिरण को "मनुष्य के लिए संभवतः कासीनजन " नामक वर्गीकृत किया है। मोबाइल फ़ोन और कॉफी, दोनो संभवतः कासीनजन पदार्थो के साथ, वर्ग २ बी मे श्रेणीकरण किया गया है। कुछ नये अध्ययनो से यह सूची मिली है की मोबाइल फोन के प्रयोग और मस्तिष्क और लार ग्रंथि के ट्यूमर के बीच संबंध पाया गया है। लेनार्त हार्देल और उस्के सहयोगियों के २००९ मेटा विश्र्लेषण जो ग्यारह छात्र पे किया गय...
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