कारण-इसके कारणों में एलर्जी को एक बहुत प्रमुख और महत्वपूर्ण कारण माना गया है।
लक्षण-छीकना एक अचानक होने वाली और बिना इच्छा के तीव्र रूप से सम्पन्न होने वाली शारीरिक क्रिया है।
नुस्खे-1-बहुत अधिक छीकें आने पर 'हरिद्रा खण्ड' नामक औषधि का सेवन उपयोगी है। यह औषधि हल्दी एवं अन्य वनास्पतिक द्रव्यों के साथ मिलाकर बनाई जाती है। इसका एक-एक चम्मच गर्म जल या दूध के साथ मिलाकर दिन में चार बार रोगी को सेवन कराना चाहिए।
2-इस रोगी को षडबिन्दु तेल या अणु तेल की नसवार देनी चाहिए। षडबिन्दु तेल की 6-6 बूदें तथा अणु तेल की 20-20 बूदें प्रत्येक नथुने में डालकर ऊपर की ओर जोर से खींचना चाहिए।इसे डालने से छींकों का दौर खत्म हो जाता है और नाक से पानी बहने लगता है।
3-सामान्य तौर पर छींकों वाले व्यक्ति में कब्ज पायी जाती है। इस कब्ज को दूर करने के लिए रात को सोते समय एक प्याला गर्म दूध या जल के साथ 2-4 चम्मच अगसत्य रसायन नामक औषधि का सेवन करना चाहिए।
नोटः-हल्दी,लहसुन,अदरख और कालीमिर्च का प्रयोग रोगी के लिए अधिक मात्रा में करना चाहिए। इस रोगी को पेट साफ रखने के लिए पत्ते वाली सब्जियों का प्रयोग अधिक मात्रा में करना चाहिए। दही,केला,तले हुए पदार्थ तथा बर्फ से सेवन किये गए पेय पदार्थो का सेवन तो रोगी के लिए सख्त माना है।
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