विधि-वज्रासन में बैठ जाइए। फिर भुजाओं और कोहनियों के सहारे पीछे की तरफ झुकते जाइए जब तक कि सिर सतह से न लग जाये। कमर पूर्ण रूप से धनुषाकार रहेगी। अभ्यास क्रम में इस बात का ध्यान रखें कि घुटने सतह पर सटे रहें। हाथों को जाँघो पर रख लीजिये। इसके बाद आँखे बंद करके पूरे शरीर को ढीला छोड़ दीजिये।
श्वास-अभ्यास के दौरान श्वास को सामान्य रखें। पेट के रोगों को दूर करने के लिए आमाशय को फैलाते व संकुचित करते हुए श्वास धीमा और गहरा होना चाहिए।
समय-शारीरिक लाभ के लिए कुछ मिनट तक अभ्यास काफी है।जो आध्यात्मिक लाभ के लिए इस आसान का अभ्यास करना चाहते हैं,उन्हें इसे लम्बे समय तक करना चाहिए।
सावधानी-घुटनों को हठपूर्वक सतह से स्पर्श कराने ले लिए जाँघो और घुटनों की मासपेशियों व संधिबन्धनो में अनावश्यक रूप से तनाव उत्प्नन न किया जाए अपने शरीर की क्षमता एवम् संभावनाओ को देखते हुए अंतिम स्थिति पर धीरे-धीरे पहुचना चाहिए।
क्रम-इसका अभ्यास आगे झुककर किये जाने वाले आसनों के बाद में हो।
सीमाएं-रीढ़ के निचले भाग के रोग जैसे हड्डी की टीबी से पीड़ित रोगियों को किसी योग शिक्षक से पूछे बिना इस आसान का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
लाभ-आमाशय के रोगों जैसे कब्ज ले लिए यह आसान बहुत अच्छा है क्योंकि यह आंतो को शक्ति के साथ फैलता व संकुचित करता है। पूरे शरीर को मस्तिष्क से जोड़ने वाले रीढ़ के मुख्य स्नायुओं में दबाव सामान्य रखने के लिए यह आसान बड़ा ही लाभकारी है।
मोबाइल फ़ोन के हानिकारक प्रभाव,How to injuries mobile phone?phone hamare shrir pr kaise hanikark hai in hindi
दोस्तों आजकल मोबाइल फ़ोन सभी के लिए एक बहुत बड़ी आवश्यकता बन चुका है परन्तू क्या आप इसके हानिकारक प्रभाव से परिचित हैं। आइये जानतें हैं मोबाइल के हानिकारक प्रभाव के बारे में- मोबाइल फ़ोन के विकिरण मानव स्वास्थ और वातावर्ण पर गहरा प्रभाव डालता है। संसार के अधिक्तर लोग मोबाइल फ़ोन का उपयोग करते है, इसलिये मोबाइल फ़ोन के विकिरण, चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोगो का मानना है कि मोबाइल फ़ोन जो विध्युत चुम्बकीय विकिरण का प्रयोग करता है, इसके कारण मानव जीव के स्वास्थ को नुक्सान पहुचाता है। ३१ मई २०११ मे विश्र्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मोबाइल फ़ोन को लंबे समय तक इसतेमाल करने से हानीकारक हो सकता है। वैज्ञानिको ने मोबाइल फ़ोन विकिरण को "मनुष्य के लिए संभवतः कासीनजन " नामक वर्गीकृत किया है। मोबाइल फ़ोन और कॉफी, दोनो संभवतः कासीनजन पदार्थो के साथ, वर्ग २ बी मे श्रेणीकरण किया गया है। कुछ नये अध्ययनो से यह सूची मिली है की मोबाइल फोन के प्रयोग और मस्तिष्क और लार ग्रंथि के ट्यूमर के बीच संबंध पाया गया है। लेनार्त हार्देल और उस्के सहयोगियों के २००९ मेटा विश्र्लेषण जो ग्यारह छात्र पे किया गय...
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