सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

सेल्फ ब्रांडिंग के पाँच मंत्र Success mantra सक्सेस मंत्र

वर्कप्लेस यानी कार्यस्थल पर अलग पहचान बनाकर आर्गेनाइजेशन में आप अपनी साख बना सकते हैं। इसके लिए इन पाँच बातों का ध्यान रखना उपयोगी हो सकता है-
1 अपनी खासियत पहचानें-इस बात को स्पष्ट रूप से जानना बेहद महत्वपूर्ण है। कि संस्थान में आपकी स्थिति क्या है?इसके लिए आपको खुद का विश्लेषण करना होगा कि आप संस्थान में खुद को किस रूप में देखते हैं?आपको टीम लीडर की भूमिका में रहना अच्छा लगता है या आप अपने काम तक ही सीमित रहना चाहतें हैं?टीम वर्क के रूप काम करना कैसा लगता है?अगर आप अपने काम में परफेक्ट होने के साथ-साथ दूसरों के काम में भी मदद करने को तत्पर रहते हैं,तो आप टीम लीडर हो सकते है।
2-बेस्ट पर फोकस-मजबूत व्यक्तिगत् छवि के लिए यह जरूरी है कि आपको जो काम दिया जाए,आप उसमें अपना बेस्ट दें। अपने समकक्षो से ईमानदारी के साथ ख़ुद की तुलना करें कि क्या मैंने अपने काम को सर्वश्रेष्ठ तरीके से पूरा किया जाये।
3-बनाएँ व्यवहारिक प्लान-अलग पहचान बनाने के लिए अपने काम या प्रोजेक्ट को लेकर व्यवहारिक प्लान बनाये और उस पर अपने सीनियर्स के साथ डिस्कस करें। उनके बताये सुझावों पर अमल करते हुए खुद को इम्प्रूव करें।
4-सुपीरियर्स से सीखें-जिस क्षेत्र में आप काम कर रहे हैं,उसके विशेषज्ञो से संम्पर्क बनाकर रखें। उनके अनुभवों से सीखें। संभव हो,तो उनके नियमित रूप से टिप्स लें। हो सकता है कि उन्होंने जो वर्षो के संघर्ष से सीखा हो,उनके संपर्क में रहने से आप कम से कम समय में सीख लें।
5-प्रोफेशनल नेटवर्क-खुद को आगे बढ़ाने के लिए यह भी जरूरी है कि आप अपने समकक्ष प्रोफेशनल्स के साथ मजबूत नेटवर्क बनाये। उनके साथ रेगुलर इंटरैक्शन करें। इससे एक-दूसरे को मदद मिलेगी।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

What is treatment of pain of neck ? गले में पीड़ा का इलाज ? Gle me dard ka ilaj kya hai in hindi on blogger on google

सर्दी,जुकाम,सूजन और अन्य कारणों से गले में पीड़ा होती है। यह दर्द सूई की चुभन या फटने जैसी होती है। इसके इलाज के नुश्खे निम्न हैं- नुश्खे-1-तेजपत्ते को पानी में उबालकर उससे गरा...

ध्यान क्या है? meditation kise khten hai in hindi what is attention?

ध्यान क्या है आइये इसके सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करतें हैं। ध्यान या अवधान चेतन मन की एक प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपनी चेतना बाह्य जगत् के किसी चुने हुए दायरे अथवा स्थलविशेष पर केंद्रित करता है। यह अंग्रेजी "अटेंशन" के पर्याय रूप में प्रचलित है। हिंदी में इसके साथ "देना", "हटाना", "रखना" आदि सकर्मक क्रियाओं का प्रयोग, इसमें व्यक्तिगत प्रयत्न की अनिवार्यता सिद्ध करता है। ध्यान द्वारा हम चुने हुए विषय की स्पष्टता एवं तद्रूपता सहित मानसिक धरातल पर लाते हैं। योगसम्मत ध्यान से इस सामान्य ध्यान में बड़ा अंतर है। पहला दीर्घकालिक अभ्यास की शक्ति के उपयोग द्वारा आध्यात्मिक लक्ष्य की ओर प्रेरित होता है, जबकि दूसरे का लक्ष्य भौतिक होता है और साधारण दैनंदिनी शक्ति ही एतदर्थ काम आती है। संपूर्णानंद आदि कुछ भारतीय विद्वान् योगसम्मत ध्यान को सामान्य ध्यान की ही एक चरम विकसित अवस्था मानते हैं।

इंटरनेट रेडियो क्या है? internet radio kise khten hai in hindi? what is internet radio?

दोस्तों आज हम इंटरनेट रेडियो के बारे में जानेगें। इंटरनेट रेडियो (जिसे वेब रेडियो, नेट रेडियो, स्ट्रीमिंग रेडियो और ई-रेडियो के नाम से भी जाना जाता है) इंटरनेट के द्वारा प्रसारित एक ध्वनि सेवा है। इंटरनेट पर संगीत की स्ट्रीमिंग को सामान्यतः वेबकास्टिंग कहा जाता है क्योंकि इसे मोटे तौर पर बेतार की मदद से प्रसारित नहीं किया जाता है। इंटरनेट रेडियो में मीडिया की स्ट्रीमिंग होती है, सुनने वालों को अनवरत ध्वनि का प्रवाह मिलता है जिसे रोका या पुनः बजाया नहीं जा सकता है; ये इस तरह से मांग पर फाइल की प्रस्तुतीकरण की सेवा से भिन्न होता है। इंटरनेट रेडियो पॉडकास्टिंग से भी भिन्न है, जिसमे स्ट्रीमिंग के बजाय डाउनलोडिंग होती है। कई इंटरनेट रेडियो सेवाएं समरूपी पारंपरिक (स्थलीय) रेडियो स्टेशन रेडियो तंत्र से जुडी होती हैं। सिर्फ इंटरनेट रेडियो स्टेशन इस तरह के जुड़ावों से स्वतंत्र हैं। सामान्यतः इंटरनेट रेडियो सेवाएं दुनिया में किसी भी स्थान से सुगम हैं उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया के स्टेशन को अमेरिका या यूरोप से सुन सकता हैं। कुछ प्रमुख नेटवर्क जैसे अमेरिका के क्लिअर चैनलऔरसीबीएस रेडि...